शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन देवी स्कंदमाता की उपासना होती है। ऐसा माना जाता है कि स्कंदमाता की आराधना करने से जीवन में आ रही सभी बाधाओं का अंत होता है। इसके साथ ही परिवार में खुशियों का आगमन होता है तो आइए देवी की पूजा से जुड़ी प्रमुख बातों का जानते हैं।
नवरात्र का पर्व देश भर में मनाए जाने वाले सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। नवरात्र का शाब्दिक अर्थ है नौ राते। नौ रातों तक मनाए जाने वाले इस उत्सव में प्रत्येक दिन देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। देवी दुर्गा के नौ अवतारों में मां शैलपुत्री, देवी ब्रह्मचारिणी, माता चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, देवी कात्यायनी, माता कालरात्रि, मां महागौरी और देवी सिद्धिदात्री शामिल हैं। 7 अक्टूबर यानी आज नवरात्र का पांचवां दिन है, जो देवी स्कंदमाता को समर्पित है।
इस दिन को लेकर शास्त्रों में कहा गया है कि जो लोग इस मौके पर कुछ अचूक उपाय कर लेते हैं, उनकी जिंदगी संवर जाती है, तो आइए जानते हैं कि वो उपाय क्या है और उसे किस मुहूर्त में करना है।
उपाय के लिए शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल की पंचमी तिथि की शुरुआत 07 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 48 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 08 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 18 मिनट पर होगा। ऐसे में इसी के बीच आपको यह चमत्कारी उपाय करना है, जिससे आपके जीवन में संतान से जुड़ी हर बाधा समाप्त हो जाएगी।
संतान से जुड़ी हर बाधा के लिए उपाय
सुबह उठकर पवित्र स्नान करें। देवी स्कंदमाता की पूजा के साथ भगवान स्कंद यानी कार्तिकेय जी की पूजा भी करें। इसके बाद पंचमी तिथि यानी आज पांच साल की 5 कन्याओं और एक बालक को खीर खिलाएं और केले का दान करें। इसके बाद उन्हें दक्षिणा देकर सम्मान के साथ विदा करें। इसके बाद मां का ध्यान करें और उनसे अपनी मनोकामना बोलें। ऐसा करने से आपको संतान की प्राप्ति होगी। साथ ही सभी बाधाओं का अंत होगा।
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