चंपई सोरेन के BJP में शामिल होते ही JMM के अस्तित्व पर मंडराया खतरा, सरायकेला क्षेत्र में बिगड़ सकता है खेल
Jharkhand Politics झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कोल्हान टाइगर माने जाने वाले चंपई सोरेन 30 अगस्त को भाजपा में शामिल होंगे। ऐसे में कोल्हान की राजनीति में बड़ा बदलाव होने के साथ सरायकेला में झारखंड मुक्ति मोर्चा के अस्तित्व पर खतरा मंडराने की संभावना है। चंपई सोरेन के साथ सरायकेला विधानसभा के झामुमो कार्यकर्ता व अधिकारी बड़ी संख्या में भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
सरायकेला: सरायकेला-खरसावां जिला ही नहीं पूरे कोल्हान में कोल्हान टाईगर चंपई सोरेन की अच्छी पकड़ है। सरायकेला विधानसभा की बात करें तो चंपई सोरेन यहां से छह बार अपनी जीत दर्ज करा चुके हैं। 90 के दशक से चंपई सोरेन ने राजनीति में कदम रखा था।
चुनावी राजनीति में भी कोल्हान टाइगर सफल राजनीतिज्ञ माने जाते हैं। अब चूंकि झामुमो से चंपई सोरेन ने अपना नाता तोड़ लिया है और भाजपा से नाता जोड़ लिया है। 30 अगस्त को वे विधिवत भाजपा में शामिल हो जाएंगे। उनके भाजपा में शामिल होने से पूरे कोल्हान के राजनीति में बड़ा बदलाव होने की उम्मीद जताई जा रही है।
कोल्हान से झामुमो का हो सकता है अस्तित्व समाप
इतना ही नहीं सरायकेला विधानसभा के झामुमो कार्यकर्ता व अधिकारी बड़ी संख्या में भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। ऐसे में सरायकेला विधानसभा से झामुमो का अस्तित्व ही समाप्त होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
क्योंकि सरायकेला में चंपई सोरेन की बड़े नेताओं में गिनती होती है। यहां बता दें कि चंपई सोरेन ने जब से झामुमो से नेता तोड़ा है और पूरे कोल्हान में कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं इस कार्यक्रम में जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा सहित अन्य झामुमो नेता भी लगातार शामिल हो रहे हैं।
ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि चंपई के भाजपा में शामिल होते ही कई झामुमो के पुराने नेता भी भाजपा का दामन धाम सकते हैं।
2019 के चुनाव में चंपई सोरेन को 1,11,554 मिले थे मत
यहां बता दें कि सरायकेला प्रखंड को पहले से ही भाजपा का गढ़ माना जाता है। ऐसे में चंपई सोरेन की कुशल राजनीति के कारण उन्हें सरायकेला विधानसभा से जीत मिलती आ रही थी लेकिन अब खुद ही वे भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं।
सरायकेला विधानसभा से चुनाव में उतरेंगे तो जाहिर सी बात है कि भाजपा के समर्थकों को वोट तो उन्हें मिलेगा ही साथ में उनके अपने समर्थक भी उन्हें मतदान करेंगे। ऐसे में अब सरायकेला विधानसभा में भाजपा को हराना झामुमो के लिए लोहे का चना चबाने वाली बात हो सकती है।
पिछले विधानसभा चुनाव में चंपई सोरेन को 1,11,554 मत मिले थे। जबकि भाजपा के प्रत्याशी गणेश महाली को 95, 887 मत मिले थे। ऐसे में 15667 मतों से चंपई सोरेन ने जीत हासिल की थी अब तो वे खुद ही भाजपा में आ रहे हैं तो भाजपा का प्रदर्शन इस विधानसभा चुनाव में बेहतर होने की उम्मीद राजनीतिज्ञ जता रहे हैं।
1991 से 2019 तक सरायकेला विधानसभा क्षेत्र के लिए हुए विधानसभा चुनावों में एक ट्रम को छोड़कर सभी चुनावों में चंपई सोरेन ने जीत दर्ज की है। जबकि उन्हें 2000 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।
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