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जम्मू में घुसपैठ को रोकने के लिए बीएसएफ ने दो अतिरिक्त बटालियनों को तैनात किया है। ये बटालियन कठुआ और सांबा जिलों में तैनात की गई हैं जहां से पाकिस्तान अक्सर घुसपैठ की कोशिश करता है। इन बटालियनों के जवान आतंकवाद से निपटने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित हैं। इन बटालियनों को ओडिशा से हटा जम्मू में तैनात किया गया है।

जम्मू। सर्दियों में भारी बर्फबारी के बाद नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ के रास्ते बंद होने के बाद आतंकी अंतरराष्ट्रीय सीमा से घुसने की कोशिशें शुरू कर देते हैं। ऐसे में पाकिस्तान और आतंकी संगठनों के षड्यंत्र को नाकाम करने के लिए जम्मू संभाग में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की दो अतिरिक्त बटालियनों ने मोर्चा संभाल लिया है।

इन जिलों में 2 हजार सैनिकों की तैनाती

कठुआ व सांबा जिलों में दो हजार जवानों की तैनाती सीमा के ऐसे हिस्सों में की है, यहां से पाकिस्तान आतंकियों की घुसपैठ की अधिक कोशिशें करवाता है।

कठुआ में सीमा के संवेदनशील हिस्सों के साथ पजांब से लगते जम्मू के इलाकों में सुरक्षा ग्रिड को और पुख्ता बनाया गया है। सीमा पर पहले से तैनात प्रहरियों के पीछे दूसरी पंक्ति में उक्त जवानों को “रक्षा की दूसरी पंक्ति” के रूप में तैनात किया गया है।

इससे पहले ओडिशा में तैनात थी बटालियन

बता दें कि जम्मू के कठुआ जिले से अखनूर तक अंतरराष्ट्रीय सीमा 192 किलोमीटर है। 10 किलोमीटर हिस्सा सेना के पास भी है। सर्दियों में सीमा पार से आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने के पाकिस्तान के षड्यंत्र के देख गृह मंत्रालय ने बीएसएफ की दोनों बटालियनों को हाल ही में ओडिशा से हटा जम्मू में तैनात करने की प्रक्रिया शुरू की थी।

यह प्रक्रिया सर्दियों शुरू होने से पहले पूरी की गई। दोनों बटालियनों को ओडिशा के कोरापुट और मल्कानगिरी जिलों से हटा जम्मू भेजने का फैसला जुलाई में हुआ था।

चुनौतियों से निपटने के लिए प्रशिक्षित हैं जवान

उक्त बटालियनों के जवान आतंक की चुनौतियों का सामना करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित हैं। गत माह जम्मू में आतंकी हमलों में तेजी के चलते सीमा सुरक्षा बल ने नए सिरे से क्षेत्र का सुरक्षा ऑडिट कर ऐसी जगहों को चिन्हित किया था यहां सुरक्षा प्रबंधों को कड़ा करने की जरूरत थी।

बीएसएफ के एक अधिकारी ने बताया कि अतिरिक्त जवानों की तैनाती से सुरक्षा के स्तर को बेहतर बनाया है। इस समय दोनों अतिरिक्त बटालियनों के जवानों के रहने, साजो सामान के लिए स्थायी बुनिदयादी ढांचा तैयार करने का काम जोर शोर से चल रहा है।

18 सुरक्षाकर्मी हुए हैं बलिदान

पाकिस्तान की शह पर आतंकवादियों ने जारी वर्ष में गतिविधियों को तेजी दी है। हमलों को नाकाम बनाते हुए बलिदान हुए 18 सुरक्षा कर्मियों, विलेज डिफेंस गार्ड के सदस्यों समेत 40 आतंकी हमलों का निशाना बने हैं।

सेना-सुरक्षा बलों ने जारी वर्ष में कई आतंकियों को मार गिराया है। ऐसे हालात में सेना-सुरक्षा बलों ने सीमा, जंगलों, पहाड़ी, दूरदराज इलाकों में आतंकियों के खिलाफ अपने अभियानों में तेजी लाई है।