
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को सिविल लाइंस में सरकारी आवास आवंटित किया गया है। राजनिवास मार्ग पर स्थित दो बंगलों को मिलाकर यह आवास बनाया जाएगा जिसमें कैंप कार्यालय भी होगा। 100 दिनों के बाद मुख्यमंत्री को यह आवास मिला है और सुरक्षा के लिहाज से भी यह उपयुक्त है। पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास भी चर्चा में रहे हैं।
नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का सरकारी आवास सिविल लाइंस के राजनिवास मार्ग पर होगा। इस मार्ग पर स्थित बंगला नंबर 1/8 व 2/8 को मिलाकर मुख्यमंत्री आवास बनाया जाएगा। इसी में इनका कैंप कार्यालय भी होगा। विधानसभा के उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट इनके पड़ोसी होंगे। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने इसकी मरम्मत की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
राजनिवास मार्ग स्थित प्लॉट नंबर आठ में कुल चार बंगले हैं। बंगला नंबर 1 का उपयोग उपराज्यपाल सचिवालय के लिए होता था जिसे अब खाली किया जा रहा है। बंगला नंबर 2 पहले विधानसभा में मुख्य सचेतक अभय वर्मा को आवंटित किया गया था। अब इन दोनों को मुख्यमंत्री आवास के लिए आवंटित कर दिया गया है। एक में मुख्यमंत्री रहेंगी और दूसरे में कैंप कार्यालय होगा। बंगला नंबर3 व 4 विधानसभा उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट व दिल्ली सरकार के मंत्री रविंद्र सिंह इंद्राज को आवंटित है।
सीएम रेखा गुप्ता को 100 दिन बाद मिला आवास
पदभार संभालने के 100 दिनों से अधिक समय के बाद मुख्यमंत्री को सरकारी आवास आवंटित किया गया है। इस समय वह शालीमार बाग स्थित अपने निजी आवास में रह रही हैं। इस बीच उन्हें डीडीयू मार्ग और सिविल लाइंस पर कई सरकारी आवास दिखाए गए। पिछले दिनों वह उत्तरी दिल्ली में 2 नार्थ एंड रोड पर बने ऐतिहासिक बंगले सेशन हाउस भी देखने गई थीं।
मुख्यमंत्री को जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई
अब राजनिवास मार्ग के प्लॉट नंबर आठ पर स्थित आवास पर सहमति बनी है। अधिकारियों का कहना है कि यह आवास आवंटन को लेकर गृह मंत्रालय के दिशा निर्देश के अनुरूप है। मुख्यमंत्री को जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। राजनिवास मार्ग स्थित बंगलों में चार बेड रूम, बड़ा लिविंग व ड्राइंग रूम, स्टाफ क्वार्टर और लान उपलब्ध है। पीडब्ल्यूडी ने मुख्यमंत्री आवास के साथ कैंप कार्यालय के उन्नयन का काम शुरू कर दिया है। लगभग दो माह में यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
इसके नवीनीकरण कार्य को भाजपा ने चुनावी मुद्दा बनाया
दिल्ली में मुख्यमंत्री का कोई आधिकारिक आवास नहीं है। इस कारण प्रत्येक मुख्यमंत्री अलग-अलग आवास में रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सिविल लाइंस स्थित 6 फ्लैग स्टाफ रोड पर रहते थे। इसके नवीनीकरण कार्य को भाजपा ने चुनावी मुद्दा बनाया था। केजरीवाल पर सरकारी आवास के नवीनीकरण पर करोड़ों रुपये खर्च करने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने इसे शीशमहल का नाम दिया था। मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण करने के बाद ही रेखा गुप्ता ने स्पष्ट कर दिया था कि वह 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित सरकारी आवास में नहीं रहेंगी।
दो मुख्यमंत्री को अपना पद बीच में छोड़ना पड़ा
15 वर्षों तक दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित 1998 से 2004 तक सुप्रीम कोर्ट के नजदीक एबी-17. मथुरा रोड स्थित आवास में और उसके बाद मोती लाल नेहरु मार्ग के बंगले में चली गई थीं। 33, शामनाथ मार्ग स्थित बंगले में दो मुख्यमंत्री ब्रह्म प्रकाश और मदन लाल खुराना रहा करते थे। दोनों को बीच में ही अपना पद छोड़ना पड़ा था। उसके बाद से कोई मुख्यमंत्री उसमें नहीं रहा। खुराना के बाद मुख्यमंत्री बने साहिब सिंह वर्मा 6, शामनाथ मार्ग में रहते थे।
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