
राजनेताओं के बच्चे अक्सर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए विभिन्न दलों का रुख करते हैं। 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा (रामविलास) राजनेताओं की संतानों के लिए पसंदीदा पार्टी बन रही है क्योंकि यहाँ टिकट बंटवारे के समय ही उम्मीदवार तय होते हैं। कई मंत्रियों और पूर्व नेताओं के पुत्र इस पार्टी से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं जिससे मुकाबला दिलचस्प होने की संभावना है।
पटना। कार्यकर्ता टिकट मांगें तो उन्हें धैर्य का पाठ पढ़ाने वाले राजनेता अपनी संतानों की मांग की अनदेखी नहीं कर पाते हैं। बच्चे टिकट की जिद करते हैं तो उनके लिए दूसरे दलों में जुगाड़ कर दिया जाता है। यह दल सहयोगी हो सकता है और विरोधी भी।
2025 के विधानसभा चुनाव में राजनेताओं की संताने लोजपा (रामविलास) को सबसे अधिक पसंद कर रही हैं। इस पार्टी के साथ सुविधा यह है कि टिकट बंटवारे के समय ही उम्मीदवार तय होता है। लोकसभा और विधानसभा-दोनों चुनावों में यह पार्टी अंतिम समय में उम्मीदवार तय करती है।
लोकसभा चुनाव में जीतीं शांभवी चौधरी
लोकसभा चुनाव में पार्टी ने राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री डॉ. अशोक चौधरी की पुत्री डॉ. शांभवी चौधरी को समस्तीपुर से उम्मीदवार बनाया था। वह जीत गईं। संयोग यह है कि शांभवी का मुकाबला राज्य सरकार के एक अन्य मंत्री महेश्वर हजारी के पुत्र सन्नी हजारी से हुआ। वे कांग्रेस के उम्मीदवार थे। दोनों के पिता जदयू में हैं। संतानों को अलग-अलग दलों से टिकट मिला।
विभय और अभिमन्यु भी दावेदार
पूर्व मंत्री और भाजपा के विधायक बिनोद नारायण झा के पुत्र विभय झा बहुत पहले लोजपा (रा) में चले गए। वह मधुबनी जिले की किसी विस सीट के दावेदार हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव के पुत्र अभिमन्यु यादव फतुहा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते हैं। भाजपा से टिकट न मिले तो वह लोजपा (रा) की उम्मीदवारी से परहेज नहीं करेंगे।
कुछ नेताओं के पुत्रों की टिकट के लिए बातचीत चल रही है। इनमें एक केंद्र और दूसरे राज्य सरकार में मंत्री हैं। राजद के पूर्व राज्यसभा सदस्य सुभाष यादव के पुत्र रणधीर यादव पहले से लोजपा (रा) में हैं।
क्या कोमल लड़ेंगी इस बार चुनाव?
वैशाली की लोजपा (रा) की सांसद वीणा सिंह के पति दिनेश कुमार सिंह जदयू के विधान पार्षद हैं। उनकी पुत्री कोमल सिंह लोजपा (रा) में हैं। कोमल 2020 में मुजफ्फरपुर जिला के गायघाट से इस पार्टी की उम्मीदवार थीं। वह तीसरे नम्बर पर रहीं। जदयू दूसरे स्थान पर था। इसबार भी काेमल चुनाव लड़ना चाह रही हैं।
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