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नंदमुरी बालकृष्ण की फिल्म डाकू महाराज 12 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। फिल्म की काफी चर्चा है और बॉक्स ऑफिस पर ये कमाल कर रही है। लेकिन फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान सिनेमाघर में की गई एक हरकत नंदमुरी के फैंस पर भारी पड़ गई। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। अब एक्शन लेते हुए पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया है।

बॉलीवुड में कई ऐसे फैंस हैं जो अपने फेवरेट स्टार के लिए क्रेजी हो जाते हैं। ये लोग उन्हें कॉपी करने की कोशिश करते हैं और कई बार तो उन्हें इम्प्रेस करने के लिए कुछ ऐसा हरकत भी कर जाते हैं जिससे सामने वाला अन्कंफर्टेबल हो जाता है।

वहीं साउथ स्टार के फैंस की दीवनगी का तो लेवल ही अलग है। यहां फैंस ने जहां रजनीकांत को भगवान का दर्जा दिया हुआ है। उनकी कोई भी फिल्म रिलीज होने पर उनके पोस्टर को दूध से नहलाते नजर आए। इसके अलावा फिल्म रिलीज के समय पटाखे फोड़ना भी एक आम बात है। लेकिन हद तो तब हो गई जब नंदमुरी बालकृष्ण के फैंस ने सिनेमाघर में बकरी की बलि दी।

क्या है पूरा मामला?

इस मामले में पांच लोगों के खिलाफ तिरुपति पुलिस ने केस दर्ज किया था। दरअसल 12 जनवरी को तिरुपति में टाटानगर के प्रताप थिएटर में तेलुगु फिल्म अभिनेता नंदमुरी बालकृष्ण की फिल्म "डाकू महाराज" रिलीज हुई। फिल्म की स्क्रीनिंग से पहले यहां एक मूवी थिएटर में कथित तौर पर एक बकरी की बलि दी गई और उसका खून नंदमुरी के पोस्टर पर लगाया गया।

PETA ने की थी नंदमुरी के फैंस की शिकायत

पेटा ने ईमेल के जरिए अपनी शिकायत दर्ज करवाई है। तिरुपति पूर्व उप-विभागीय पुलिस अधिकारी वेंकट नारायण ने पीटीआई को बताया कि 16 जनवरी को मामले की जांच की गई और पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया। पीपुल्स फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) की शिकायत में शंकरैया, रमेश,सुरेश रेड्डी, प्रसाद और मुकेश बाबू को गिरफ्तार किया गया है। वहीं पुलिस अन्य लोगों की भी तलाश कर रही है जिन पर इस पशु बलि का हिस्सा होने का संदेह है।

इन धाराओं के तहत दर्ज हुआ मामला

दरअसल इस पूरे मामले का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें एक व्यक्ति को सामने खड़े होकर बलि देते हुए देखा जा सकता है जबकि अन्य लोग और सिनेमाघर में बैठ दर्शक उसको चियर करते हुए नजर आए। पुलिस ने इस मामले में धारा 325 और 270 के साथ भारतीय न्याय संहिता , 2023 के 3(5) एक्ट के तहत मामला दर्ज किया।

आंध्रप्रदेश एनिमल और पक्षी की कुर्बानी निषेध के तहत धारा 4 और 5 के साथ 6 और 8 और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 3, 11(1)(ए) और 11(1)(एल) के तहत एफआईआर दर्ज की है। ये सभी मामले एनिमल की बेरहमी से हत्या और अशांति फैलाने के लिए दर्ज किए गए हैं।

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