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महाकुंभ के दिव्य-भव्य आयोजन के लिए संगम की रेती पर बसाई जा रही तंबुओं नगरी में जलापूर्ति के लिए लगभग 1249 किमी की पाइप लाइन बिछाई जा रही है। सीएम योगी के निर्देशों पर प्रयागराज मेला प्राधिकरण और प्रदेश के सभी प्रमुख विभाग युद्धस्तर पर विकास कार्य में लगे हुए हैं। वहीं प्रयागराज में नागा सन्‍यासियों का आगमन शुरू हो चुका है।

नैनी। ध्वज-पताका, जयकारों के बीच श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा का भव्य नगर प्रवेश हुआ। करतब दिखाते नागा संन्यासियों का कारवां सड़क पर निकला तो हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया। नागा संन्यासी हर किसी के आकर्षण का केंद्र रहे। वहीं, चांदी के सिंहासन पर आसीन महामंडलेश्वर अखाड़े का वैभव दिखाते हुए चल रहे थे।

श्रद्धाभाव से ओतप्रोत नर-नारियों ने जगह-जगह पुष्पवर्षा कर संतों का अभिनंदन किया। नगर प्रवेश की शुरुआत अरैल स्थित तपस्वी आश्रम से अखाड़ा के महामंत्री श्रीमहंत सत्यगिरि व महंत श्याम दास के नेतृत्व में हुई।

अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर अरुण गिरि, कैलाशानंद, पूनम गिरि सहित तमाम संत रथ पर आसीन होकर चल रहे थे।

नगर प्रवेश में घोड़ों पर सवार होकर नागा साधु चले। कुछ अघोरी की वेष में करतब दिखा रहे थे। इनके पीछे अखाड़े की धर्म ध्वजा लेकर संत चल रहे थे।

चार संत अखाड़ा के आराध्य श्री सिद्ध गणेश भगवान की पालकी चल रहे थे। यात्रा अरैल बांध रोड से नया पुल के नीचे, पुराना पुल से होते हुए नैनी एग्रीकल्चर से बढ़कर मड़ौका स्थित आश्रम तक गई।

यहीं से 22 दिसंबर को अखाड़ा का महाकुंभ क्षेत्र के लिए छावनी प्रवेश आरंभ होगा। श्रीमहंत सत्य गिरि ने बताया कि नगर प्रवेश के साथ अखाड़ा के महाकुंभ का श्रीगणेश हो गया है। देशभर के संत अब प्रयागराज स्थित आश्रम में आकर प्रवास करेंगे। यहीं से महाकुंभ क्षेत्र के लिए प्रस्थान किया जाएगा।

आग बुझाने को महाकुंभ में पहली बार तैनात होंगे आल टेरेन व्हीकल

दिव्य, भव्य और सुरक्षित महाकुंभ में आग बुझाने के लिए पहली बार आल टेरेन व्हीकल तैनात किया जा रहा है। यह व्हीकल मेला क्षेत्र में कहीं भी आग की घटना होने पर जल्द पहुंचकर आग पर काबू पा सकेगा। यह फायर सेफ्टी डिवाइसेज से लैस होगा।

रेत, दलदल और छिछले पानी में भी यह पूरी रफ्तार से दौड़ सकेगा। अग्निशमन विभाग के प्रशिक्षित फायरकर्मी इस पर सवार होकर पूरे मेला क्षेत्र में आपात स्थिति पर नजर रखेंगे।

सीएम योगी 25 नवंबर को इन चारों व्हीकल्स समेत अन्य डिवाइसेज को हरी झंडी दिखा सकते हैं। इलेक्ट्रिक बैट्री से संचालित होने वाला यह व्हीकल सुरक्षित महाकुंभ के संकल्प को साकार करने में मददगार बनेगा।

देवों के आह्वान के साथ पांच अखाड़ों ने किया भूमि पूजन

मंत्रोच्चार के कर्णप्रिय गूंज। देवी-देवताओं के गगनचुंबी जयकारों से भक्ति का भाव ऐसा प्रवाहित हुआ कि पावन त्रिवेणी की रेती प्रफुल्लित हो उठी। महीनों से ठप जप-तप पुन: आरंभ हो गया। मौका था संगम की रेती पर अखाड़ों के संतों द्वारा भूमि पूजन का।

महाकुंभ मेला क्षेत्र में सबसे पहले जूना, श्रीनिंरजनी, अग्नि, आह्वान व आनंद अखाड़ा का शिविर लगाने के लिए बुधवार को विधि-विधान से भूमि पूजन किया।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष (मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष) श्रीमहंत रवींद्र पुरी के नेतृत्व में पांचों अखाड़ा के संतों ने सेक्टर 20 में विधि-विधान से पूजन किया। पुरोहितों के मंत्रोच्चार के बीच श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने पूजन करके अखाड़ों के आराध्य को नमन किया

समस्त देवी-देवताओं का आह्वान करते हुए उन्हें तीर्थराज प्रयाग में वास करने विनती की, जिससे महाकुंभ सकुशल संपन्न हो। उन्होंने कहाकि महाकुंभ भारतीय संस्कृति के वैभव व परंपरा का केंद्र है।

संतों के त्याग, तपस्या, उनकी वीरता व वैभव का जीवंत दर्शन महाकुंभ में होता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाकुंभ को लेकर उत्कृष्ट प्रबंध करवा रहे हैं।

मुख्यमंत्री व्यक्तिगत रूप से पूरी व्यवस्था में नजर बनाए हैं। यही कारण है कि दुनियाभर प्रयागराज आने को लालायित हैं। अखाड़ा परिषद महाकुंभ के भव्य आयोजन में शासन-प्रशासन का पूरा सहयोग करेगा।

पूजन में महानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत यमुना पुरी, बड़ा अखाड़ा उदासीन के मुखिया महंत दुर्गा दास, महेश्वर दास, नया अखाड़ा के सचिव जगतार मुनि, निर्मल अखाड़ा के सचिव देवेंद्र सिंह शास्त्री, अटल अखाड़ा के बलराम भारती, जूना अखाड़ा के मोहन भारती व केदार गिरि, अग्नि अखाड़ा के सोमेश्वरानंद, निरंजनी अखाड़ा के ओंकार गिरि, राधे गिरि, राज गिरि, कुलदीप गिरि, आनंद अखाड़ा के शंकरानंद सरस्वती आदि माैजूद रहे

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