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एक महिला यात्री ने काठगोदाम से लुधियाना तक जीआरपी को चोरों की तलाश में भगाया। महिला ने ट्रेन में अपना बैग और जेवर चोरी होने की झूठी शिकायत दर्ज कराई थी। जीआरपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी और चोरों को पकड़ने के लिए कई चक्कर लगाए। बाद में पता चला कि महिला के जेवर उसके बैग में ही थे।

हल्द्वानी। ट्रेन में मोबाइल, बैग व जेवर चोरी होने के मामले किसी से छुपे नहीं है। चोरों को पकड़ना टेड़ी खीर साबित होता है। क्योंकि चोर मौका पाकर चलती ट्रेन से कूदकर रास्ते से रफूचक्कर हो जाते हैं। रेलवे सुरक्षा बल (जीआरपी) काठगोदाम थाने में महिला यात्री ने झूठा केस लिखवाकर जवानों के पसीने छुड़ा दिए।

जीआरपी काठगोदाम से लेकर लुधियाना तक चोरों की तलाश में दौड़ती रही। जब टीम महिला के बयान लेने लुधियाना पहुंची तो पता चला मामला झूठा था। जेवर महिला को बैग में ही मिल गए थे, लेकिन महिला ने यह बात जीआरपी से छुपाकर रखी।

असल में घटना सात अक्टूबर की है। लुधियाना की रहने वाली एक महिला अपने एक पारिवारिक सदस्य के संग गरीब रथ में सवार होकर हल्द्वानी पहुंची थी। हल्द्वानी के बाद वह यहां अपने एक रिश्तेदार के घर पहुंच गई। देर शाम को काठगोदाम थाने में बैग लेकर पहुंची। बैग नीचे से कटा हुआ था

महिला का कहना था कि लालकुआं से हल्द्वानी के बीच उसका बैग काटा गया है। हल्द्वानी रेलवे स्टेशन पर कुछ युवकों ने बैग उतारते समय उसके सोने व हीरे के जेवर चाेरी कर लिया। जीआरपी ने मामले की गंभीरता व महिला की परेशानी को समझते हुए बिना कोई देरी के मामला पंजीकृत कर लिया।

इसके बाद चोरों को पकड़ने के लिए काठगोदाम से लेकर लुधियाना तक कई चक्कर काटे। जगह-जगह सीसीटीवी खंगाले गए। कुछ दिन पहले जीआरपी दारोगा महिला के बयान लेने के लिए लुधियाना पहुंचे। तब महिला ने बताया कि जेवर उसके बैग में ही मिल गए थे। महिला ने इसकी जानकारी जवानों को देना उचित नहीं समझा।

दारोगा त्रिभुवन पहुंचे थे लुधियाना

इस मामले की विवेचना जीआरपी के दारोगा बालम सिंह कर रहे थे। उसका तबादला होने के बाद मामले की जांच थानाध्यक्ष नरेश कोहली ने दारोगा त्रिभुवन जोशी को सौंप दी थी। त्रिभुवन टीम को लेकर महिला के घर पहुंचे थे। महिला को कई बार फोन कर इस संबंध में जानकारी दी गई। महिला ने सच नहीं बताया। अब महिला ने स्टांप पर लिखकर दिया कि जेवर मिल चुके हैं।

महिला के विरुद्ध धारा 182 में होगी कार्रवाई

महिला ने इस मामले को डेढ़ महीने से अधिक समय तक दबाकर रखा। उसने जेवर मिलने के बाद जीआरपी को गुमराह किया। इस वजह से अब महिला की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जीआरपी उनके विरुद्ध झूठा मामला दर्ज कराने के आरोप में धारा 182 के तहत मामला पंजीकृत कर सकती है।

क्लेम लेने के लिए कुछ भी कर रहे यात्री

ट्रेन में यात्री का सामान चोरी होने पर रेलवे की ओर से क्लेम देने का प्रविधान है। हालांकि इसके लिए लंबी प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है। सूत्रों के अनुसार कई यात्री झूठी सूचना देकर क्लैम लेने के लिए भी उतारू हो रहे हैं। जिससे जीआरपी को माथापच्ची करनी पड़ रही है।

15 मामलों में आरोपितों को किया गिरफ्तार

इस वर्ष जीआरपी थाना काठगोदाम में ट्रेन में चोरी व लूट के तकरीबन 24 मामले पंजीकृत हुए हैं। जीआरपी 15 मामलों में आरोपितों को गिरफ्तार

कर जेल भेज चुकी है। जीआरपी थानाध्यक्ष नरेश कोहली का कहना है कि टीमें लगातार चोरों की गिरफ्तारी के लिए दबिशें दे रही हैं।