दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले Aam Aadmi Party छोड़ने वाले Kailash Gahlot के भाजपा में जाने को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। कहा जा रहा है कि उन्होंने इस्तीफे को लेकर आप सरकार पर जो आरोप लगाए हैं और उपराज्यपाल से उनकी नजदीकी के चलते वह भाजपा का दामन थाम सकते हैं। हालांकि इसे लेकर उन्होंने अभी तक कोई आधिकारिक एलान नहीं किया है।
नई दिल्ली। मंत्री पद और आम आदमी पार्टी छोड़ने वाले कैलाश गहलोत (Kailash Gahlot) के राजनीतिक भविष्य को लेकर चर्चा शुरू हो गई हैं। उपराज्यपाल से उनके अच्छे संबंध, अरविंद केजरीवाल को लिखे गए पत्र की भाषा और उनके इस्तीफे के बाद भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया से यह संभावना जताई जा रही है कि उनका अगला राजनीतिक ठिकाना भाजपा होगा
इस बारे में अभी न तो भाजपा नेता कुछ बोल रहे हैं और न ही गहलोत। गहलोत की ओर से इस्तीफे में जो कारण बताए हैं, उससे भी भाजपा नेता उत्साहित हैं। उन्होंने यमुना की सफाई, मुख्यमंत्री आवास नवीनीकरण और केंद्र के साथ आप सरकार के विवाद से दिल्ली को हो रहे नुकसान का मुद्दा उठाते हुए कहा है कि दिल्लीवासियों से किए गए वादे पूरे नहीं हो रहे हैं
उपराज्यपाल से हैं अच्छे संबंध
भाजपा नेता इन मुद्दों को पिछले काफी समय से उठाते रहे हैं। उनके इस्तीफे के बाद आतिशी ने इसे भाजपा की गंदी राजनीति बताया है। उपराज्यपाल के साथ आप के अन्य नेताओं व मंत्रियों का विवाद होता रहा है, परंतु गहलोत के उनसे अच्छे संबंध बताए जाते हैं। वह अपने विभाग से संबंधित बैठकों में राजनिवास जाते रहे हैं।
उपराज्यपाल ने इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर आतिशी की जगह उन्हें झंडा फहराने का अवसर दिया था। भाजपा नेताओं ने भी इसका समर्थन किया था। पिछले कुछ समय से दिल्ली सरकार के अन्य मंत्रियों की तुलना में भाजपा नेता इन्हें लेकर बहुत अधिक हमलावर नहीं दिखते हैं।
कई अन्य बड़े नेता छोड़ेंगे आप: भाजपा
दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार के भ्रष्टाचार को भाजपा उजागर करती रही है। कैलाश गहलोत ने भी अपने त्यागपत्र में इसे उठाया है। इससे स्पष्ट है कि आप सरकार के कई मंत्री और नेता परेशान हैं।
उन्होंने प्रेसवार्ता में कहा कि अरविंद केजरीवाल ने सत्ता में आने पर गाड़ी, बंगला व सुरक्षा नहीं लेने का वादा किया था। मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने दिल्ली के विकास पर खर्च करने की जगह अपने सरकारी आवास पर करोड़ों रुपये लगा दिए। गहलोत ने अपने पत्र में इसे लेकर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने यमुना की सफाई को लेकर भी आप सरकार को कठघरे में खड़ा किया है।
गहलोत से पहले राजकुमार आनंद ने छोड़ी थी AAP
सचदेवा ने कहा कि दिल्ली से लगाव रखने वाला व्यक्ति आप के साथ नहीं रह सकता है। यही कारण है कि पहले राजकुमार आनंद और अब गहलोत ने गंभीर आरोप लगाकर मंत्री पद व पार्टी छोड़ दिया। केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि महापौर चुनाव में आठ आप पार्षदों की क्रॉस वोटिंग व गहलोत के इस्तीफे से स्पष्ट है कि आप नेतृत्व की तानाशाही व भ्रष्टाचार से नेता परेशान हैं।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा, "आप सरकार का झूठ भ्रष्टाचार अधिक दिनों तक नहीं चलने वाला है। दिल्ली से आम आदमी पार्टी की विदाई तय है।"
वहीं, भाजपा सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा, "आप का पतन निकट है। आने वाले दिनों में कई और बड़े नेता आप छोड़ सकते हैं।" गहलोत ने यमुना की सफाई, शीशमहल व भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे उठाए हैं। यही सवाल भाजपा पूछती रही है, लेकिन आप नेता बोलने को तैयार नहीं हैं। सांसद कमलजीत सहरावत का कहना है कि आप में असंतोष की स्थिति है।
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