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बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में अब तक दो आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है जिन्हें पुलिस ने रविवार को अदालत में पेश किया। इस दौरान पुलिस ने कई बड़े खुलासे करते हुए जांच में सामने आए अब तक के तथ्यों की भी जानकारी दी। साथ ही पुलिस ने कहा कि वह चुनाव से पहले राजनीतिक एंगल से भी मामले की जांच कर रही है।

मुंबई। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले बाबा सिद्दीकी जैसे बड़े नेता की हत्या से पूरा राज्य दहल गया है। बाबा पूर्व में महाराष्ट्र सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। शनिवार रात करीब 9:30 बजे बांद्रा ईस्ट के निर्मल नगर इलाके में बेटे जीशान के कार्यालय से निकलते समय उन्हें गोली मार दी गई।

इसके बाद उन्हें पास के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मामले में अब तक दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्हें पुलिस ने रविवार को अदालत में पेश किया। इस दौरान पुलिस ने मामले में अब तक सामने आई जानकारी का खुलासा भी किया

पुलिस ने क्या-क्या किया खुलासा?

  • अब तक गिरफ्तार आरोपियों में हरियाणा का गुरमेल सिंह और उत्तर प्रदेश का निवासी धर्मराज कश्यप शामिल है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार पुलिस ने दोनों की रिमांड मांगते हुए मुंबई की एक अदालत से कहा कि वह जांच करना चाहती है कि क्या यह मामला राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का नतीजा है, क्योंकि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं।
  • दो कथित शूटरों में से एक को अदालत ने 21 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। वहीं दूसरे आरोपी के नाबालिग होने का दावा करने के बाद उसकी हड्डियों के परीक्षण का आदेश दिया
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  • पुलिस ने यह भी कहा कि आरोपियों से 28 जिंदा गोलियां बरामद की गई हैं और विवरण जानने के साथ-साथ किसी और अपराध की घटना को रोकने के लिए हिरासत में पूछताछ की जरूरत है।
  • पुलिस ने अदालत को बताया कि मामले की जांच के लिए दस टीमें बनाई गई हैं, जिसमें दो लोग अभी भी वांछित हैं। अदालत ने गुरमेल सिंह को 21 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया, जबकि कश्यप की उम्र निर्धारित करने के लिए हड्डी परीक्षण का आदेश दिया गया।
  • अदालत ने पुलिस को परीक्षण पूरा होने के बाद कश्यप को फिर से पेश करने का निर्देश दिया, जिसके बाद यह तय किया जाएगा कि उसके खिलाफ कार्यवाही नियमित अदालत में होगी या किशोर अदालत में।

     

  • रिमांड आवेदन की सुनवाई की शुरुआत में, कश्यप ने अदालत को बताया कि वह 17 साल का है, इसलिए नाबालिग है। हालांकि, पुलिस ने अदालत को बताया कि उनके पास से बरामद आधार कार्ड से उसकी उम्र 21 साल बताई गई है। पुलिस ने यह भी कहा कि उन्होंने कश्यप की उम्र की पुष्टि करने वाला कोई अन्य दस्तावेज जब्त नहीं किया है।
  • इसके बाद अदालत ने कार्यवाही रोक दी और अभियोजन पक्ष से संबंधित आधार कार्ड पेश करने को कहा। पुलिस ने अपने एक अधिकारी के मोबाइल फोन से ली गई कार्ड की तस्वीर पेश की। अदालत ने बचाव पक्ष से पुष्टि करने को कहा कि आधार कार्ड पर दी गई जानकारी सही है या नहीं। बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि जानकारी सही है। हालांकि, कार्ड पर दी गई तस्वीर कश्यप की नहीं थी, लेकिन अदालत ने रिमांड सुनवाई जारी रखी।
  • दोनों आरोपियों की 14 दिन की रिमांड मांगते हुए पुलिस ने कहा कि गोलीबारी की घटना से पहले दोनों कुछ दिनों के लिए मुंबई और पुणे में रुके थे और यह पता लगाने की जरूरत है कि उन्हें कौन फंड दे रहा था। पुलिस ने अदालत को बताया कि यह भी पता लगाने के लिए जांच की जरूरत है कि दोनों ने अपराध में इस्तेमाल किए गए हथियार और वाहन को कैसे हासिल किया और साथ ही फायरिंग की ट्रेनिंग किसने दी।
  • पुलिस ने अदालत को बताया कि यह एक संवेदनशील अपराध था और विधानसभा चुनाव नजदीक होने के कारण, इस बात की जांच करने की जरूरत है कि क्या कोई राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता शामिल है। पुलिस ने यह भी कहा कि इस मामले में कोई अंतरराष्ट्रीय लिंक तो नहीं है, इसकी भी जांच करने की जरूरत है।
  • दोनों आरोपियों की ओर से पेश हुए वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि अपराध बहुत दुखद और निराशाजनक था, लेकिन दोनों की भूमिका साबित नहीं हुई। अग्रवाल ने तर्क दिया कि हो सकता है कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण उनकी हत्या की गई हो और दोनों आरोपियों को मामले में झूठा फंसाया गया हो।

48 साल कांग्रेस में रहे

गौरतलब है कि बाबा सिद्दीकी महाराष्ट्र कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं और वह 48 साल तक पार्टी में रहे। हालांकि, वह इसी साल की शुरूआत में कांग्रेस छोड़ अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी में शामिल हो गए थे। बाबा सिद्दीकी बांद्रा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से तीन बार कांग्रेस के विधायक रहे। वह 2014 और 2019 में हार गए। सिद्दीकी कई बॉलीवुड ए-लिस्टर्स के साथ अपनी दोस्ती के लिए भी प्रसिद्ध थे। हर साल ईद के मौके पर उनकी इफ्तार पार्टी में नेताओं से लेकर फिल्मी सितारों का जमावड़ा लगता था।

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