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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मां कुछ दिनों से जौलीग्रांट स्थित हिमालयन हास्पिटल में भर्ती हैं। उनसे मिलने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ रविवार को उत्तराखंड आए हैं। बताया कि योगी का बदरीनाथ जाने के कार्यक्रम भी है। प्रशासन की ओर से सीएम योगी आदित्यनाथ का कार्यक्रम गोपनीय रखा गया है । 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मां सावित्री देवी (80 वर्ष) पिछले कुछ दिनों से जौलीग्रांट स्थित हिमालयन हास्पिटल में भर्ती हैं। जहां उनसे मिलने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को उत्तराखंड पहुंचे हैं।

प्रशासन की ओर से सीएम योगी आदित्यनाथ का कार्यक्रम गोपनीय रखा गया है। परंतु प्रशासन स्तर से सभी तरह की तैयारीयों को पुख्ता किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मां आठ अक्टूबर से हिमालयन अस्पताल में भर्ती है।

बदरीनाथ धाम जाने का कार्यक्रम भी

उनका स्वास्थ्य बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिनसे मिलने के लिए योगी आदित्यनाथ का रविवार को दोपहर को जौली ग्रांट पहुंचे हैं। जहां से वह अस्‍पताल के लिए रवाना हुए। बताया कि योगी का बदरीनाथ जाने का कार्यक्रम भी है।

परमार्थ निकेतन पहुंचे विश्व प्रसिद्ध भजन गायक कृष्णदा

वहीं विश्व प्रसिद्ध भजन गायक कृष्णदास परमार्थ निकेतन पहुंचे। इस दौरान उन्होंने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती व साध्वी भगवती सरस्वती से भेंट कर गंगा आरती में भाग लिया। इसके साथ ही वैश्विक स्तर पर योग, ध्यान, और भक्ति की महिमा व महत्वता पर चर्चा

शक्ति और सशक्तिकरण के उत्सव का संगम पर्व

इस मौके पर स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि शु्क्रवार को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस है, और दुर्गा अष्टमी भी। आजहै। परंपरा के अनुसार आज के दिन देवी स्वरूप छोटी-छोटी कन्याओं का पूजन कर उन्हें जिमाया जाता है, जो नारियों की शक्ति व सम्मान का प्रतीक है।

दुर्गा अष्टमी का पर्व हमें बताता है कि नारी शक्ति का सम्मान और सशक्तिकरण समाज की प्रगति के लिए कितना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पूजा के साथ-साथ आज के दिन एक पेड़ बेटी के नाम लगाएं और पर्यावरण को बचाने का संकल्प लें।

अद्वितीय और दिव्य अनुभव प्रदान करती है गंगा आरती

गायक कृष्णदास ने कहा कि परमार्थ निकेतन गंगा आरती, जो की हर शाम मां गंगा के पावन तट पर आयोजित होती है, अद्वितीय और दिव्य अनुभव प्रदान करती है। इस आरती में भाग लेने वाले सभी साधक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण हो जाते हैं।