पटना में मछली उत्पादन बढ़ गया है जिससे बाहरी आवक कम हुई है और कई लोगों को रोजगार मिला है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह जानकारी दी गई। पटना जिला इस योजना को लेकर प्रदेश में नंबर वन पर है और बीते चार वर्षों से पहले स्थान पर है।
पटना। जिला में प्रचुर मात्रा में मछली उत्पादन होने लगा है। इससे दूसरी जगहों से आवक कम हुई है। इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का सकारात्मक असर पड़ा है।
समाहरणालय सभाकक्ष में जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में हुई प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की जिलास्तरीय समिति की बैठक में यह जानकारी दी गई। बैठक का मुख्य उद्देश्य जिला मत्स्य कार्यालय में प्राप्त ऑनलाइन आवेदनों के चयन के लिए बनी प्राथमिकता सूची का अनुमोदन करना थाl
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के 32 में से पटना जिले में 22 अवयवों में 251 आवेदन आए। जिला मत्स्य पदाधिकारी ने बताया कि मत्स्य निदेशालय से प्राप्त लक्ष्य के विरुद्ध चयनित लोगों को कार्यदेश निर्गत कर अनुदान दिया जाएगा।
इस मामले में प्रदेश में नंबर वन पर पहुंचा पटना
केंद्र प्रायोजित योजना के 28 में से 22 अवयवों में पटना जिले में आवेदन आए। उन्होंने बताया कि बीते चार वर्षों से पटना जिला प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत प्रथम स्थान पर है l बिहार में चयनित ढाई हजार लाभार्थियों में से करीब 240 आवेदक सिर्फ पटना जिले से हैं। जिलाधिकारी ने इस पर खुशी जाहिर की।
इस वर्ष भी लक्ष्य के अनुरूप कार्य का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा सीमांत एवं मझोले किसानों को लाभ प्राप्त हो इसका प्रयास करें।
पटना जिले में लगभग 70 एकड़ से अधिक भूभाग पर तालाब का निर्माण करते हुए 100 से ज्यादा व्यक्तियों को रोजगार दिया गया है। बायोफ्लाक विधि से कम जगह पर तालाब बना ज्यादा लाभ कमा रहे हैं। उन्होंने विभाग के अन्य कार्यों की जानकारी भी दी।
- Log in to post comments