दिल्ली में रविवार देर रात न्यू कोंडली ए ब्लॉक में मातम पसर गया। कारण था अलग-अलग परिवार के चार युवकों की नोएडा सड़क हादसे में जान चली गई। चार दोस्तों की एकसाथ मौत ने कोंडली के लोगों को झकझोर दिया। मां बार-बार बेसुध हो रही थी। एक मृतक हिमांशु का आने वाली 15 अक्टूबर को जन्मदिन था।
दिल्ली। रविवार देर रात न्यू कोंडली ए ब्लॉक में मातम पसर गया। एक के बाद एक पांच घरों में फोन बजने लगे कि आपके बच्चे सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके आधे घंटे के बाद फिर से चार घरों में फोन आया कि उनके बच्चों की मौत हो गई।
यह सूचना मिलते ही परिवार बिलखने लगा। पड़ोसियों की नींद टूट गई। मृतकों के घर के बाहर लोग जमा हो गए। एकसाथ चार दोस्तों की मौत ने परिवार के साथ ही स्थानीय लोगों को झकझोर दिया। यह वह दोस्त थे, जो हर खुशी व गम को एक दूसरे से साझा करते थे।
कुछ समय पहले हिमांशु की लगी थी नौकरी
हिमांशु मूलरूप से उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के रहने वाले थे। वह अपने परिवार के साथ कोंडली में रह रहे थे। परिवार में पिता हरीश, मां सावित्री हैं। हिमांशु दंपती के इकलौते बेटे थे। हरीश ने बताया कि कुछ माह पहले ही हिमांशु की नोएडा की एक निजी कंपनी में नौकरी लगी थी। परिवार काफी खुश था।
15 अक्टूबर को उनके बेटे का जन्मदिन था। रविवार रात 11 बजे तक हिमांशु घर पर थे। उन्होंने अपने घर पर कहा कि वह कार लेकर अपने दोस्तों के साथ जा रहा हैं। कुछ ही देर में वापस आ जाएंगे। कहां जा रहा है यह बताकर नहीं गए।
बेटे के मौत की खबर सुन मां बार-बार हुई बेहोश
रात दो बजे हिमांशु के एक दोस्त का फोन स्वजन के पास आया कार को ट्रैक्टर ने टक्कर मार दी है, हिमांशु कार चला रहे थे। हिमांशु व उनके तीन दोस्त गंभीर रूप से घायल हैं। हिमांशु की मां बेटे की मौत की खबर से बेसुध हो गई, वह कई बार बेहोश हुईं। जिस बेटे को उन्होंने नाजों से पाला, वह इस दुनिया से चला गया।
मनीष मूलरूप से रुद्रप्रयाग के रहने वाले थे। उनके परिवार में पिता किशन सिंह, मां सलोचना व तीन बहने हैं। मनीष नौकरी नहीं करते थे। उनकी बहन पूनम ने कहा कि उनके भाई ही था जो परिवार का ख्याल रखते थे। वह नौकरी की तलाश कर रहे थे
विशाल और मोहित रहते थे किराये पर
विशाल और मोहित का घर बराबर बराबर में है, दोनों किराये पर रहते थे। मोहित की परिवार में पिता राजकुमार व एक छोटा भाई मनोज है। विशाल की शादी नहीं हुई थी।
परिवार के सदस्य शादी के लिए लड़की की तलाश कर रहे थे। मोहित के परिवार में पिता राजकुमार, मां और पांच बहन हैं। वह अपने घर में सबसे छोटे थे। मोहित ही घर का एक सहारा थे। उनके पिता बुजुर्ग है और उन्हें कान से सुनाई कम देता है।
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