मंडी जिले में रहने वाले अन्य राज्यों के 80 प्रतिशत से अधिक लोगों के आधार कार्ड में जन्मतिथि पहली जनवरी अंकित है। आधार कार्ड बनाने में बड़े पैमाने पर कोताही बरती गई है। बिहार और उत्तर प्रदेश में किसी का घर तो किसी का स्कूल या पंचायत में लगे शिविर में आधार कार्ड बना है। अधिकतर लोगों के आधार कार्ड पर मोबाइल नंबर भी किसी दूसरे का है।
मंडी। मंडी जिले में रहने वाले अन्य राज्यों के 80 प्रतिशत से अधिक लोगों के आधार कार्ड में जन्मतिथि पहली जनवरी अंकित है। जिले में इन दिनों अन्य राज्यों के लोगों के पंजीकरण के लिए पुलिस की ओर से शिविर लगाए गए हैं
आधार कार्ड बनाने में बड़े पैमाने पर कोताही बरते जाने की बात सामने आई है। एक बार आधार कार्ड बनने के बाद किसी ने जन्मतिथि में सुधार करवाना उचित नहीं समझा है। बिहार व उत्तर प्रदेश में किसी का घर तो किसी का स्कूल या पंचायत में लगे शिविर में आधार कार्ड बना है।
अधिकतर लोगों के आधार कार्ड पर मोबाइल नंबर भी किसी दूसरे का है। बल्ह हलके में मजदूरी करने वाले बिहार के पूर्णिया के कैलाश शर्मा का कहना है बाबू स्कूल में शिविर लगा था। वहां आधार कार्ड बनवाया था। वहां सिर्फ उम्र पूछी थी किसी ने जन्मतिथि की बात नहीं की। आधार कार्ड में सुधार क्यों नहीं करवाया, इस बारे में जानकारी नहीं होने की बात कही। कमोवेश अन्य राज्य के हर व्यक्ति का यही जवाब है।
अन्य राज्यों के लोगों का पंजीकरण सुनिश्चित किया जा रहा है। आधारकार्ड का यूआइडीएआइ व प्रवासी की उसके थाना से सत्यापन करवाया जा रहा है।
-सागर चंद्र शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, मंडी।
बता दें कि बीते दिनों जिले में मस्जिदों के अवैध निर्माण को लेकर विवाद काफी गर्माया हुआ था। इसके बाद प्रवासी लोगों के आधार कार्ड को लेकर सवाल खड़े हुए थे।
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