राम मंदिर के मुख्य शिखर का निर्माण नवरात्रि से शुरू होने की संभावना है। मंदिर के छह शिखरों में से पांच आकार ले चुके हैं और अब निर्माण समिति मुख्य शिखर पर ध्यान केंद्रित कर रही है। 161 फीट ऊंचे मंदिर के मुख्य शिखर के निर्माण में अन्य शिखरों की तुलना में अधिक समय लगेगा। निर्माण कार्यदायी संस्थाओं के शिल्पी ही करेंगे।
अयोध्या। राम मंदिर के मुख्य शिखर का निर्माण नवरात्र से शुरू होने की संभावना है। मुख्य शिखर निर्मित होने के बाद मंदिर पूर्ण रूप से आकार ले सकेगा। कार्यदायी संस्था एलएंडटी ने इसकी तैयारी प्रारंभ कर दी है। हालांकि द्वितीय तल पर अभी छत के लिए शिलाओं का संयोजन किया जा रहा है, जल्द ही इसके पूर्ण होने की संभावना है। शिखर का निर्माण कार्यदायी संस्थाओं के शिल्पी ही करेंगे।
निर्माण में कम से कम 120 दिन का समय लगेगा। फरवरी माह तक शिखर के पूर्ण होने की संभावना है। मंदिर के छह शिखरों में से पांच आकार ले चुके हैं। अब मंदिर निर्माण समिति मुख्य शिखर को निर्मित करने का तानाबाना बुन रही है। गत दिनों कार्यदायी संस्था की बैठक में इस पर चर्चा हुई, जिसकी सूचना कुछ ट्रस्टियों तक भी पहुंची।
161 फीट ऊंचे मंदिर का मुख्य शिखर निर्मित होने में अन्य शिखरों की अपेक्षा अधिक समय लगेगा। कारीगर बताते हैं कि ऊंचाई पर निर्माण में समय लगेगा। शिलाओं को ऊंचाई पर पहुंचाने व उन्हें निर्धारित आकार में संयोजित करने में अधिक समय लगता है।
दरअसल मंदिर निर्माण के शुरुआती दौर में चार टावर क्रेन का प्रयोग किया गया था, लेकिन प्राण प्रतिष्ठा पूजन में दो टावर क्रेन हटा दिए गए थे। इस समय ऊंचाई पर शिलाओं को पहुंचाने के लिए सिर्फ दो टावर क्रेन ही बचे हैं। साथ ही दर्शन प्रारंभ होने के बाद से निर्माण अत्यंत सजगता से चल रहा है
निर्माण से जुड़े एक इंजीनियर ने बताया कि नवरात्र में मुख्य शिखर निर्मित होना प्रारंभ होगा। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र यह भी बता चुके हैं कि संपूर्ण निर्माण अगले वर्ष 30 जून तक पूरा हो सकेगा। इस समय सप्त मंदिर निर्मित हो रहे हैं। उनके लिए मूर्तियों का निर्माण भी इन दिनों जयपुर में चल रहा है। 15 नवंबर तक मूर्तियां भी निर्मित हो जाएंगी।
राम दरबार के लिए तैयार हुआ प्लेटफार्म
मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना होगी। सफेद संगमरमर के पत्थर पर करीब 4.5 फीट ऊंचाई की श्रीराम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, भरत व शत्रुघ्न की मूर्ति गढ़ी जा रही है। जयपुर में इसे निर्मित किया जा रहा है। मूर्तियों को प्रतिष्ठित करने के लिए लगभग आठ फीट लंबा प्लेटफार्म तैयार हो गया है। इसी पर रामदरबार को स्थापित किया जाएगा।
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