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बठिंडा के डबवाली रोड स्थित हेरिटेज गद्दा फैक्ट्री में मंगलवार रात भीषण आग लगने से तीन मजदूरों की मौत हो गई। आग इतनी भयानक थी कि इसे बुझाने के लिए बठिंडा के अलावा आसपास के शहरों और मंडियों की फायर ब्रिगेड गाड़ियों को बुलाना पड़ा। करीब 70 दमकल कर्मचारियों ने छह घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। 

बठिंडा। डबवाली रोड स्थित गांव गहरी बुट्टर की हेरिटेज गद्दा फैक्ट्री में मंगलवार रात नौ बजे जोरदार धमाके के बाद आग लगने से तीन मजदूर जिंदा जल गए। उनकी पहचान 20 वर्षीय विजय कुमार पुत्र पन्ना लाल, 19 वर्षीय नरिंदर सिंह पुत्र बीरा सिंह और 20 वर्षीय लखवीर सिंह पुत्र गुरमीत सिंह के तौर पर हुई है। तीनों ही गांव शेरगढ़ के निवासी थे।

70 दमकल कर्मचारियों ने की कड़ी मशक्कत

फैक्ट्री के अंदर लगे फायर सिस्टम से आग बुझाने का भी प्रयास किया गया, लेकिन वह कंट्रोल नहीं हुई।बठिंडा के अलावा आसपास के शहरों और मंडियों की फायर ब्रिगेड गाड़ियों के साथ करीब 70 दमकल कर्मचारियों ने छह घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बुधवार की अलसुबह तीन बजे तक आग पर काबू पाया।

घटना की सूचना मिलने पर एडीसी नरिंदर सिंह भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि जांच के बाद ही आग लगने का कारण पता चलेगा। सिक्योरिटी गार्ड्स के अनुसार फैक्ट्री में रात नौ बजे जोर से धमाका हुआ।

पांच मजदूर गद्दों के स्लैब लगा रहे थे

स्टोर के शेड से आग की लपटें उठने लगी। आग इतनी भीषण थी कि स्टोर का शेड भी पिघलकर नीचे गिर गया और एक ट्रक धू धू कर जल गया। तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचित किया गया। लपटें इतनी ऊंची थीं कि दूर के गांवों में भी दिखाई पड़ रही थीं। आग लगने के दौरान स्टोर में पांच मजदूर गद्दों की स्लैब लगा रहे थे।

दो मजदूर नीचे से गद्दे पकड़ा रहे थे और तीन मजदूर विजय, नरिंदर और लखवीर सिंह ऊपर थे। नीचे खड़े मजदूर तो तुरंत भागकर स्टोर से बाहर आ गए, लेकिन गद्दों के ऊपर चढ़े तीनों मजदूरों को आग ने अपनी चपेट में ले लिया। उनकी बुरी तरह से जलने से मौत हो गई।

आग इतनी भीषण थी कि बठिंडा स्टेशन की सभी छह गाड़ियों से भी कंट्रोल नहीं हो रही थी। इसके बाद भुच्चो, रामपुरा फूल, मौड़ मंडी, गुरु गोबिंद सिंह रिफाइनरी, तलवंडी साबो, मानसा, डबवाली और गिद्दड़बाहा से फायर ब्रिगेड गाड़ियों को बुलाया गया।

ग्रामीणों ने उठाई मुआवजे की मांग

ग्रामीणों ने मांगा एक करोड़ रुपये का मुआवजा बुधवार को गांव शेरगढ़ के लोगों ने फैक्ट्री के गेट पर धरना लगा दिया। वे मृतकों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा के अलावा उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग कर रहे हैं। दोपहर बाद तक शवों का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया था।

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