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बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी संजीव हंस और झंझारपुर के पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अनुशंसा के बाद विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने यह कार्रवाई की है। संजीव और गुलाब के अलावा प्राथमिकी में दर्जनभर अन्य लोगों को भी नामजद अभियुक्त बनाया गया है।

पटना। विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने भ्रष्टाचार एवं आय से अधिक संपत्ति मामले में बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी संजीव हंस और झंझारपुर के पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है। संजीव और गुलाब के अलावा, प्राथमिकी में दर्जनभर अन्य लोगों को भी नामजद अभियुक्त बनाया गया है।

एसवीयू ने यह कार्रवाई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अनुशंसा के बाद की है। संजीव हंस पर कार्रवाई के लिए एसवीयू ने सरकार से अनुमति मांगी थी। ईडी की अनुशंसा के बाद मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा और डीजीपी आलोक राज के स्तर पर हुई उच्च स्तरीय बैठक के बाद इन पर प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति दी गई

जिसके बाद विशेष निगरानी इकाई ने भारतीय दंड संहिता की धारा और पीसी एक्ट 1988 के तहत धारा 61/318ए, 7आर, डब्लू 12आर, डब्लू 13 समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है।

प्राथमिकी में इन लोगों का नाम

विशेष निगरानी इकाई ने प्राथमिकी में संजीव और गुलाब के साथ ही संजीव की पत्नी मोना हंस, गुलाब की पत्नी अंबिका यादव, सुनील कुमार सिन्हा, गायत्री कुमारी, प्रवीण चौधरी, तरुण राघव, गुरु बाल तेग, लक्ष्मण दास, देविन्द्र सिंह, कमलकांत गुप्ता, सुरेश सिंघला व अन्य को आरोपी बनाया है।

इन लोगों के खिलाफ अब प्रवर्तन निदेशालय की जांच के साथ ही आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला भी चलेगा। प्राथमिकी दर्ज करने के बाद प्रवर्तन निदेशालय की सूचनाओं की जांच के लिए बकायदा एक टीम भी गठित कर दी गई है।

ईडी ने की थी छापेमारी

यहां बता दें कि जुलाई महीने में प्रवर्तन निदेशालय की अलग-अलग टीमों ने संजीव हंस और गुलाब यादव के पटना, झंझारपुर समेत 21 स्थानों पर छापा मारा था। इसके बाद पंजाब, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता में भी इसी कड़ी में सर्च किया गया था। इस दौरान 13 किलो चांदी, दो किलो सोने के सिक्के 87 लाख नकद, लाखों रुपये मूल्य की विदेशी घड़ियां समेत अन्य दस्तावेज बरामद किए थे।

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