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हिमाचल प्रदेश में मस्जिदों को लेकर लगातार विवाद हो रहा है। प्रदेश में मस्जिद को लेकर हो रहे विवाद की शुरुआत संजौली से हुई थी। इसके बाद मंडी के जेल रोड मे स्थित मस्जिद को लेकर भी आंदोलन देखने को मिला था। वहीं अब शिमला के कसुम्पटी मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर विवाद शुरू हो गया है।

शिमला। राजधानी शिमला में संजौली के बाद कसुम्पटी में भी लोग अवैध रूप से बनाई मस्जिद के विरोध में उतर आए हैं। मंगलवार को नगर निगम शिमला के पूर्व उपमहापौर राकेश शर्मा व पार्षद रचना शर्मा सहित अन्य लोग उपायुक्त अनुपम कश्यप से मिले और मस्जिद तोड़ने की मांग की।

लोगों ने निर्णय लिया है कि शुक्रवार को यहां नमाज अदा की तो आंदोलन शुरू किया जाएगा। इसके बारे में उपायुक्त को भी बता दिया है।

कसुम्पटी मस्जिद पर कार्रवाई की हुई मांग

इसको लेकर पूर्व उपमहापौर ने कहा कि कसुम्पटी में दूसरे राज्यों से आए लोगों ने बिना अनुमति के मस्जिद का निर्माण किया है, इससे क्षेत्र का माहौल खराब हो रहा है।

पार्षद रचना शर्मा ने कहा कि मस्जिद का निर्माण अवैध तरीके से किया है। जो लोग यहां रहते हैं, यदि उन्हें रोकें तो धमकाते हैं। उन्होंने बताया कि वक्फ बोर्ड के मुताबिक जिस क्षेत्र में मुस्लिम परिवार नहीं रहते हैं, वहां पर मस्जिद निर्माण नहीं हो सकता है।

कसुम्पटी में कोई मुस्लिम परिवार नहीं रहता है। ऐसे में वहां मस्जिद निर्माण नहीं हो सकता है। उपायुक्त से शीघ्र कार्रवाई की मांग की गई है, ताकि क्षेत्र का मा

क्या है मामला?

कसुम्पटी में वक्फ बोर्ड ने एक महिला मुमताज बेगम को घर बनाने के लिए भूमि दी थी। बाद में महिला के बेटे ने भूमि बेच दी। भूमि खरीदने वाले ने यहां मस्जिद बना दी। कसुम्पटी के लोगों ने पहले भी दो बार मस्जिद के बाहर प्रदर्शन किया था।

यह मामला नगर निगम की अदालत में गया था। नगर निगम ने मस्जिद गिराने का आदेश दिया था। मुस्लिम पक्ष ने नगर निगम के निर्णय को जिला एवं सत्र न्यायालय में चुनौती दी है। अभी मामला लंबित है।