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भाेजपुरी की एक बड़ी गायिका सोनू मुस्कान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल पुलिस उनकी गिरफ्तारी को लेकर लगातार छापामारी कर रही है। पुलिस उनके खिलाफ कोर्ट से भी वारंट जारी करा सकती है। मामला फर्जी नौकरी से जुड़ा है। पुलिस को अब एक और बड़े भोजपुरी गायक की तलाश है। उनका मानना है कि वह भी रैकेट में शामिल हो सकता है।

मुजफ्फरपुर। फर्जी नौकरी रैकेट में शहर के चर्चित भजन गायिका सोनू मुस्कान के शामिल होने के आरोपों के बाद भोजपुरी के एक बड़े गायक के भी इसमें शामिल होने की आशंका व्यक्त की जा रही है।

रैकेट के मास्टर माइंड सचेंद्र शर्मा व अमित कुमार उर्फ लव से पूछताछ में इस गायक का भी नाम पुलिस के समक्ष आ रहा है। बताया जा रहा है कि इस भोजपुरी गायक का आराेपितों ने प्रोग्राम कराया था।

सोनू मुस्कान फरार है। उसकी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस छापामारी कर रही है। जल्द ही पुलिस उसके विरुद्ध कोर्ट से वारंट जारी करा सकती है। उसकी गिरफ्तार होने के बाद ही पूछताछ में यह पता चल पाएगा कि भोजपुरी गायक की इस रैकेट में क्या भूमिका थी।

नगर एएसपी भानुप्रताप सिंह ने बताया कि यह जांच की जा रही है कि भोजपुरी गायक आराेपितों के बुलावे पर सिर्फ प्रोग्राम करने आया था या वह भी इस रैकेट में शामिल है। पुलिस की कई टीमें इस पर काम कर रही है। जल्द ही इस रैकेट में शामिल कई शातिरों की गिरफ्तारी होगी।

टैक्सी में अमित से सचेंद्र की हुई पहचान, फिर रैकेट में हुआ शामिल

नगर एएसपी ने बताया कि झारखंड के बोकारो सेक्टर-12 थाना के 61 डी आदर्श को-आपरेटिव कालोनी का अमित कुमार उर्फ लव टैक्सी चालक था। अपनी रैकेट के संचालन के लिए सचेंद्र वहां अक्सर जाता था। वह दिन भर टैक्सी से बोकारो घूमता था। इसी क्रम में एक बार वह अमित के टैक्सी में घूम रहा था।

घूमने के क्रम में दोनों में बातचीत हुई। सचेंद्र ने उसे बेहतर कमाई का लालच देकर अपने रैकेट में शामिल होने का आफर दिया।

सचेंद्र को असली अधिकारी समझ कर अमित उसके झांसा में आकर उसके रैकेट में शामिल हो गया। सचेंद्र ने उसे स्टील अथारिटी आफ इंडिया के बोकोरो प्लांट का पहचान पत्र दिया। उसे ज्वाइनिंग लेटर पाए युवकों को मेडिकल जांच की जिम्मेदारी दी गई।

82 साल की उम्र में भी शातिर दिमाग का है सचेंद्र

नगर एएसपी ने बताया कि 82 साल की उम्र में भी सचेंद्र शर्मा उर्फ दादा शातिर दिमाग का है। वह साजिश रचने में माहिर है। वह किसी को भी अपनी बातों व व्यवहार से प्रभावित करने में सक्षम है। उसकी बातों पर विश्वास कर लोग उसे सही में नौकरी दिलाने वाला समझ बैठते हैं।

पकड़ में नहीं आए इसके लिए उसने सासाराम व पश्चिम बंगाल के वर्द्धमान में ट्रेनिंग सेंटर खोल रखा है। अपने घर पर मिलने वालों से वह पहले एक लाख रुपया वसूल लेता तब मिलता है। ज्वाइनिंग से लेकर ट्रेनिंग तक के कार्यक्रम को इस तरह डिजाइन किया है कि कोई भी इसे असली ही समझेगा।

पुलिस के समक्ष कम आ रहे पीड़ित

सचेंद्र शर्मा के रैकेट से ठगी के शिकार हुए पीड़ित पुलिस के समक्ष कम ही पहुंच रहे हैं। माना जा रहा है कि सचेंद्र शर्मा ने उनका इस तरह ब्रेनवाश कर रखा है कि उन्हें नौकरी मिलने की अभी भी आशा है। उन्हें आशंका है कि अगर पुलिस के समक्ष गए तो उन्हें नौकरी नहीं मिलेगी।

इस मामले में बनाए गए एक आरोपित भी सचेंद्र शर्मा की ठगी का शिकार बन चुके हैं। उसके पुत्र को नौकरी लगाने का झांसा देकर दस लाख रुपये ठगी कर चुका है।