प्रयागराज में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने माफिया और मठाधीश में ज्यादा फर्क न होने का बयान दिया है जिस पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने कहा कि अखिलेश यादव को सनातन धर्म और उसकी परंपराओं पर राजनीति नहीं करनी चाहिए और मठ परंपरा की योग्यता का ज्ञानार्जन करना चाहिए।
प्रयागराज। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने माफिया और मठाधीश में ज्यादा फर्क न होने का बयान दिया है। संतों के सबसे बड़े संगठन अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने उनके बयान पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने कहा कि अखिलेश यादव सनातन धर्म और उसकी परंपराओं पर राजनीति न करें। वह पहले मठ परंपरा और उसमें आसीन मठाधीश की योग्यता का ज्ञानार्जन करें। तब उन्हें सत्यता की अनुभूति होगी, किसी पर निशाना साधने के लिए पूरी परंपरा को निशाना साधना अनुचित व अस्वीकार्य है।
माफिया से तुलना अत्यंत निंदनीय
श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने कहा कि मठ की परंपरा अत्यंत पवित्र है, जो त्याग व साधना पर आधारित है। मठाधीश का जीवन सनातन धर्म व समाज को समर्पित होता है। वो संस्कृत, वेद-पुराणों की निश्शुल्क शिक्षा दिलाते हैं। धार्मिक अनुष्ठान में लीन रहते हैं। उनकी तुलना माफिया से करना अत्यंत निंदनीय है।
जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि ने अखिलेश के बयान पर निंदा करते हुए कहा कि सनातन धर्म की पवित्र परंपरा का उपहास उड़ाकर अखिलेश ने अक्षम्य कृत्य किया है। उन्हें धर्म से जुड़े मामले में सोच समझकर बयान देना चाहिए। राजनीति करनी है तो करें, लेकिन सनातन धर्म की परंपरा को ठेस न पहुंचाएं, क्योंकि उसे संत समाज स्वीकार नहीं करेगा।
अखिल भारतीय दंडी संन्यासी परिषद के संरक्षक जगदगुरु स्वामी महेशाश्रम ने कहा कि मठाधीश की वजह से सनातन धर्म संरक्षित है। धर्मविरोधी ताकतों से मठाधीश ही मोर्चा लेते हैं। अखिलेश को अभी उसका ज्ञान नहीं है। वह राजनीति चमकाने के लिए पूरी परंपरा को कलंकित करने का प्रयास किया है, जिसे समाज स्वीकार नहीं करेगा।
स्वामी रामतीर्थ दास ने कहा कि एक जाति के लोग आतंवाद की घटना में लिप्त हैं। अखिलेश ने कभी उसके धर्मगुरुओं के बारे में नहीं कहा कि आतंकवाद व उसके धर्मगुरुओं में कोई फर्क नहीं है, लेकिन सनातन धर्म के बारे में बिना कुछ सोचे-समझे बोल दिया। उन्हें अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए।
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