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यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है। आरोप है कि इससे परेशान होकर आठवीं के छात्र को स्कूल छोड़ना पड़ा। शिकायत के बावजूद स्कूल प्रबंधन की ओर से आरोपित सीनियर छात्रों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करने का भी आरोप है।

देहरादून। दून के एक प्रतिष्ठित स्कूल में असोम में तैनात रह चुके सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी के बेटे की रैगिंग और यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है। आरोप है कि इससे परेशान होकर आठवीं के छात्र को स्कूल छोड़ना पड़ा। शिकायत के बावजूद स्कूल प्रबंधन की ओर से आरोपित सीनियर छात्रों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करने का भी आरोप है, जिसके बाद स्वजन बेटे को अपने साथ ले गए और असोम में मुकदमा दर्ज कराया।

असोम पुलिस ने मारपीट व पोक्सो की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर देहरादून ट्रांसफर कर दिया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून अजय सिंह ने बताया कि सीओ डालनवाला के निर्देशन में टीम गठित कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि असोम में पुलिस को दी तहरीर में शिकायतकर्ता ने बताया कि उनका बेटा दून के एक बोर्डिंग स्कूल में आठवीं का छात्र है। वह स्कूल के हास्टल में ही रहता था। पिछले माह जब कई दिन तक बेटे ने फोन नहीं किया तो स्वजन उससे मिलने के लिए स्कूल पहुंच गए।

आरोप है कि इस दौरान छात्र काफी उदास था और बार-बार पूछने पर भी उसने कुछ नहीं बताया। वह लगातार घर ले चलने की जिद कर रहा था। पहले तो स्वजन को लगा कि बेटा उनकी याद में ऐसा कर रहा है, लेकिन जब पिता ने एकांत में बात की तो बेटे ने बताया कि कुछ सीनियर छात्र लगातार रैगिंग कर रहे हैं।

यही नहीं, यौन उत्पीड़न के आरोप भी छात्र ने लगाए। तहरीर में जिक्र है कि पिता ने इसकी शिकायत तत्काल स्कूल प्रबंधन से की, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर असोम पहुंचकर छात्र के पिता ने पुलिस को बेटे के साथ रैगिंग और यौन उत्पीड़न के आरोप में तहरीर दी। पुलिस ने जीरो एफआइआर दर्ज कर इसे देहरादून पुलिस को विवेचना के लिए ट्रांसफर कर दिया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सीओ डालनवाला के निर्देशन में एक जांच टीम गठित की गई है। पीड़ित छात्र और उसके पिता को बयान दर्ज कराने के लिए जल्द ही देहरादून बुलाया जाएगा। साथ ही स्कूल प्रबंधन से भी पूछताछ की जाएगी।

इस संबंध में संपर्क करने पर स्कूल प्रबंधन ने बताया कि छात्र के पिता की ओर से जिस तरह के आरोप लगाए गए हैं, ऐसी कोई घटना नहीं हुई। कुछ दिन पूर्व छात्र के पिता ने बेटे के साथ स्कूल हास्टल में कुछ गलत कृत्य होने की सूचना दी थी, जिसमें स्कूल की जांच समिति ने सभी पहलू की पड़ताल की, लेकिन रैगिंग और यौन उत्पीड़न जैसे कोई भी आरोप सही नहीं पाए गए। स्कूल प्रबंधन का कहना है कि इस प्रकरण में पुलिस से शिकायत की सूचना मिलने पर एसएसपी देहरादून से मुलाकात कर जांच में पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया गया है।

बोर्डिंग स्कूलों में पहले भी सामने आ चुकी ऐसी घटनाएं

दून के प्रतिष्ठित बोर्डिंग स्कूलों में पूर्व में भी छात्र-छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न और मारपीट के मामले सामने आ चुके हैं। वर्ष 2018 में एक बोर्डिंग स्कूल में छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना सामने आई थी। छात्रा के गर्भवती होने पर स्कूल प्रबंधन मामला दबाने में जुट गया था और दवा बताकर गर्भपात के लिए ऐसा काढ़ा पिला दिया, जिससे छात्रा की जान पर बन आई। मामले में पुलिस ने स्कूल संचालकों समेत एक दर्जन आरोपितों को जेल भेजा था।

वर्ष 2018 में ही एक अन्य शिक्षण संस्थान में भी छात्राओं के साथ यौन शोषण का मामला सामने आया था। इसका पता तब लगा, जब छात्र-छात्राओं ने धरना-प्रदर्शन शुरू किया। बाद में आरोपित शिक्षक को गिरफ्तार किया गया और संस्थान की निदेशक को हटा दिया गया। इसके बाद वर्ष 2020 में सहस्रधारा रोड स्थित स्कूल में नौ साल के छात्र के शारीरिक उत्पीड़न का मामला सामने आया, जिसमें वार्डन को गिरफ्तार किया गया था।

देहरादून वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने कहा कि असोम पुलिस के माध्यम से मिली जीरो एफआइआर में शिकायतकर्ता की ओर से अपने पुत्र के साथ स्कूल हास्टल में रैगिंग और शारीरिक उत्पीड़न के आरोप लगाए गए हैं। सीओ डालनवाला के निर्देशन में मामले की जांच आरंभ कर दी गई है।

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