डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के अगले राष्ट्रपति के रूप में जनवरी 2025 शपथ लेंगे। मूडीज रेटिंग्स एजेंसी का कहना है कि ट्रंप का राष्ट्रपति बनना भारत और अन्य आसियान देशों के लिए फायदेमंद हो सकता है। एजेंसी ने इसकी वजह अमेरिका-चीन के बीच संभावित निवेश प्रतिबंधों को बताया है जिसका वादा ट्रंप ने अपनी चुनावी रैलियों में किया है। नीचे पढ़ें पूरी रिपोर्ट।
प्रतिद्वंद्वी कमला हैरिस को हराकर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में चुनाव में बड़ी जीत दर्ज करने वाले डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के अगले राष्ट्रपति होंगे। वह जनवरी 2025 में राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। इस बीच अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी ने अनुमान जताया है कि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से भारत समेत आसियान देशों को फायदा होगा
मूडीज रेटिंग्स के अनुसार, अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते तनाव और रणनीतिक क्षेत्रों में संभावित निवेश प्रतिबंधों के कारण भारत और अन्य एशियाई देशों को लाभ मिलने की उम्मीद है। वैश्विक रेटिंग एजेंसी ने कहा, 'एशिया-प्रशांत क्षेत्र में, व्यापार और निवेश प्रवाह चीन से और दूर हो सकता है, क्योंकि अमेरिका रणनीतिक क्षेत्रों में निवेश को सख्त कर रहा है, जिसका चीन की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और परिणामस्वरूप क्षेत्रीय विकास में कमी आएगी। हालांकि, इस बदलाव से भारत और आसियान देशों को लाभ हो सकता है।
बाइडन से हटकर होंगी ट्रंप की नीतियां
वैश्विक एजेंसी ने मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन के दृष्टिकोण से हटकर, राजकोषीय, व्यापार, जलवायु और आव्रजन मुद्दों पर ट्रंप प्रशासन के तहत महत्वपूर्ण बदलाव की उम्मीद जताई है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि ट्रंप के पास हर मोर्चे पर अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए विधायी और कार्यकारी दोनों रास्ते हो सकते हैं।
इसमें आगे कहा गया है कि एक उम्मीदवार के रूप में, ट्रम्प ने कर सुधार का वादा किया था, जिसमें 2017 के कर कटौती और रोजगार अधिनियम को स्थायी बनाने, कॉर्पोरेट कर की दर को कम करने और आयकर राहत को लागू करने की योजना थी। इनके साथ-साथ व्यापक टैरिफ, जिसमें चीनी आयात पर भारी टैरिफ शामिल हैं, से संघीय घाटे में वृद्धि होने की उम्मीद है।
संरक्षणवादी नीति अपनाएगा अमेरिका
एजेंसी की रिपोर्ट में बताया गया कि ट्रम्प के नेतृत्व में अमेरिका एक संरक्षणवादी नीति अपनाएगा, जो अधिक विघटनकारी होगी और वैश्विक विकास के लिए जोखिम बढ़ाएगी। इसने कहा कि संरक्षणवादी उपाय ग्लोबल सप्लाई चेन को प्रभावित कर सकते हैं और इम्पोर्टेड सामान और वस्तुओं जैसे मैनुफैक्चरिंग, टेक्नोलॉजी और रिटेल पर निर्भर क्षेत्रों को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
ट्रम्प की व्यापार नीति मैनुफैक्चरिंग क्षेत्र पर तत्काल प्रभाव डालेगा, क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने कहा। हालांकि, एजेंसी का कहना है कि एक विभाजित कांग्रेस ऐसे उपायों के दायरे को धीमा कर सकती है। एजेंसी के अनुसार अमेरिका की जलवायु नीतियों में भी उलटफेर होने की संभावना है, क्योंकि ट्रम्प अमेरिकी ऊर्जा प्रभुत्व के बैनर तले फॉजिल फ्यूल के उत्पादन को बढ़ावा देना चाहते हैं।
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