MUDA Case मैसूरु भूमि घोटाला मामले में लोकायुक्त पुलिस ने सोमवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को नोटिस जारी किया। लोकायुक्त पुलिस ने सीएम सिद्धारमैया को MUDA भूमि आवंटन मामले में पूछताछ के लिए 6 नवंबर को तलब किया है। उन्होंने 25 अक्टूबर को मुख्यमंत्री की पत्नी पार्वती बी एम से पूछताछ की थी जो इस मामले में आरोपी भी हैं।
मैसूरु। मैसूरु भूमि घोटाला मामले में लोकायुक्त पुलिस ने सोमवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को नोटिस जारी किया। लोकायुक्त पुलिस ने सीएम सिद्धारमैया को MUDA भूमि आवंटन मामले में पूछताछ के लिए 6 नवंबर को तलब किया है। उन्होंने 25 अक्टूबर को मुख्यमंत्री की पत्नी पार्वती बी एम से पूछताछ की थी, जो इस मामले में आरोपी भी हैं। एक वरिष्ठ लोकायुक्त अधिकारी ने बताया कि हमने मुख्यमंत्री को बुधवार सुबह पेश होने के लिए कहा है।
कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि मुझे मैसूर लोकायुक्त ने MUDA के संबंध में नोटिस जारी किया है। मैं 6 नवंबर को मैसूर लोकायुक्त के पास जाऊंगा।
सीएम सिद्धारमैया, उनकी पत्नी, साले मल्लिकार्जुन स्वामी, देवराजू और अन्य को मैसूर स्थित लोकायुक्त पुलिस ने 27 सितंबर को दर्ज की गई एफआईआर में नामजद किया था।
सुनवाई चार सप्ताह के लिए स्थगि
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति के मामले की जांच के लिए सीबीआई को दी गई सहमति वापस लेने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई सोमवार को चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।
हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील
जस्टिस सूर्कांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने सुनवाई तब स्थगिर दी जब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सीबीआई ने भी कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील दायर की है।
हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती
सुप्रीम कोर्ट भाजपा विधायक बसनगौड़ा आर पाटिल (यतनाल) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने सहमति वापस लेने के खिलाफ उनकी याचिका को खारिज करने वाले 29 अगस्त के कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है।
जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा
सुनवाई के दौरान मेहता ने पीठ को सूचित किया कि सीबीआई की अपील अभी तक सूचीबद्ध नहीं हुई है, वहीं शिवकुमार की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने मामले में जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने 17 सितंबर को विधायक की याचिका पर शिवकुमार और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था।
राज्य सरकार ने शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच के लिए एजेंसी को दी गई सहमति वापस ले ली थी। कांग्रेस नीत सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर 29 अगस्त को हाई कोर्ट ने कहा था कि यह विचार योग्य नहीं है।
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