India-China army on LAC पूर्वी लद्दाख में दोनों सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही दीपावली पर दोनों देशों की सेनाओं द्वारा पैट्रोलिंग का रास्ता साफ हो गया है। दीवाली पर दोनों सेनाएं एक दूसरे का मुंह मीठा भी कराएंगी। सेना अब भौतिक रूप से और ड्रोन के जरिये सीमा पर गहन जांच-पड़ताल कर रही हैं।
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर डेमचोक और देपसांग में मंगलवार को भारत और चीनी सेना के सैनिक पूरी तरह पीछे हट गए हैं। पूर्वी लद्दाख में दोनों सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही दीपावली पर दोनों देशों की सेनाओं द्वारा पैट्रोलिंग का रास्ता साफ हो गया है
दीवाली पर दोनों सेनाएं एक दूसरे का मुंह मीठा भी कराएंगी।
दोनों पक्ष पीछे हटे
रक्षा सूत्रों ने बताया कि अब दोनों सेनाएं इन क्षेत्रों में मौजूदगी खत्म होने के साथ अस्थायी निर्माण नष्ट किए जाने की भौतिक रूप से और ड्रोन के जरिये जांच-पड़ताल कर रही हैं। देपसांग के मैदान और डेमचोक में अस्थायी निर्माण को हटाए जाने का काम लगभग पूरा हो गया है।
इसके साथ ही दोनों पक्षों की ओर से एक निर्धारित स्तर का सत्यापन किया जा चुका है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत वहां तैनात दोनों सेनाएं पीछे हटकर अपने निर्धारित स्थान पर चली गई हैं। अब 10 से 15 सैनिकों की टुकड़ी यहां पर गश्त करेगी और अप्रैल 2020 से पूर्व की स्थिति बहाल हो जाएगी।
साढ़े चार वर्षों चल रहा था टकराव
करीब साढ़े चार वर्षों से यहां पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई थी, जो आखिरकार मंगलवार को खत्म हो गई। इसके साथ ही पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 29 अक्टूबर को दोनों स्थानों से सेनाओं को पीछे करने और वहां मौजूद अस्थायी निर्माण, शिविर आदि को हटाने का काम खत्म हो गया।
मोदी ने दिया था खास मैसेज
गौरतलब है कि बीते 21 अक्टूबर को हुए समझौते के बाद ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि भारत और चीन के संबंधों का महत्व केवल हमारे लोगों के लिए ही नहीं है। वैश्विक शांति व स्थिरता के लिए भी हमारे संबंध अहम हैं। सीमा पर पिछले चार वर्षों में उत्पन्न हुए मुद्दों पर बनी सहमति का स्वागत है। सीमा पर शांति एवं स्थिरता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
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