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अबकी शपथ समारोह ऐतिहासिक होगा। कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया। अब वे राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में नायब सैनी ने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। उनके साथ केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली मौजूद थे।

चंडीगढ़। सभी तरह की किंतु-परंतु को खारिज करते हुए हरियाणा के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को बुधवार को भाजपा विधायक दल का नेता चुन लिया गया।

नायब सिंह सैनी राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी आवास मंत्री मनोहर लाल तथा केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत समेत कई नेताओं के साथ राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय से मुलाकात कर नायब सिंह सैनी ने हरियाणा में तीसरी बार भाजपा की सरकार बनाने का दावा पेश किया।

नायब सैनी ने सरकार बनाने के लिए राज्यपाल को भाजपा के नव निर्वाचित 48 विधायकों की सूची सौंपी। 90 सदस्यीय 15वीं विधानसभा में बहुमत के लिए 46 विधायकों की जरूरत होती है। भाजपा विधायकों की संख्या बहुमत के आंकड़े से दो अधिक है।

तीन निर्दलीय विधायकों ने भी दिया साथ

तीन निर्दलीय विधायकों सावित्री जिंदल, देवेंद्र कादियान और राजेश जून ने भी भाजपा को बिना शर्त समर्थन दे रखा है। इन तीनों निर्दलीय विधायकों के समर्थन का पत्र भी राज्यपाल को सौंपा गया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों व केंद्रीय मंत्रियों की मौजूदगी में नायब सैनी बृहस्पतिवार को पंचकूला में दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

पहली बार किसी दल ने लगाई हैट्रिक

हरियाणा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि किसी दल यानी भाजपा की लगातार तीसरी बार सरकार बनी है। ऐसे मौके तो कई बार आए, जब केंद्र व राज्य में एक ही दल की सरकार बनी, लेकिन ऐसा मौका पहली बार आया, जब किसी दल ने लगातार तीसरी बार हरियाणा में सरकार बनाई।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और डॉ. मोहन यादव पर्यवेक्षक बनकर हरियाणा आए थे। शाह के पर्यवेक्षक बनने के साथ ही कई तरह की चर्चाएं जन्म लेने लगी थी।

भाजपा हाईकमान को लग रहा था कि केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत के समर्थक नौ विधायक तथा हरियाणा के पूर्व स्वास्थ्य एवं गृह मंत्री अनिल विज भाजपा विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी ठोंक सकते हैं।

भाजपा ने चूंकि चुनाव से पहले ही नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर रखा था, ऐसे में भाजपा को लग रहा था कि विधायक दल की बैठक में अनिल विज और राव इंद्रजीत के समर्थक विधायक कोई खेल कर सकते हैं।

ऐसे में किसी भी तरह की आवाज उठने से पहले ही उसे खारिज करने की जिम्मेदारी रणनीतिक अंदाज में अमित शाह को सौंपी गई, जिसे शाह ने बखूबी पूरा किया।

खास बात यह रही कि अमित शाह की मौजूदगी में अंबाला छावनी के सातवीं बार विधायक चुने गए अनिल विज ने ही नायब सिंह सैनी को भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने का प्रस्ताव रखा। उनके साथ नरवाना के विधायक कृष्ण कुमार बेदी भी नायब सैनी के प्रस्तावक बने, जिसके बाद सर्वसम्मति से नायब सैनी को भाजपा विधायक दल का नेता चुन लिया गया।

नायब सैनी के अतिरिक्त नहीं आया कोई दूसरा नाम

बैठक के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जानकारी दी कि नायब सैनी को भाजपा विधायक दल का नेता चुनने के लिए कृष्ण बेदी और अनिल विज ने एक लाइन का प्रस्ताव दिया। दूसरा कोई नाम इसके लिए बैठक में नहीं आया। इसलिए सर्वसम्मति से नायब सैनी को नेता चुना गया है।

नायब सैनी ने इसके लिए अमित शाह को पुष्प गुच्छ भेंटकर कर उनका अभिनंदन किया और अपने राजनीतिक गुरु पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल से आशीर्वाद लिया।

केंद्रीय मंत्री एवं विधानसभा चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, सह प्रभारी डॉ. सुरेंद्र नागर, भाजपा प्रभारी डॉ. सतीश पुनिया, सह प्रभारी बिप्लब कुमार देब, केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल और प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली की मौजूदगी में सर्वसम्मति से नायब सिंह सैनी को भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने की घोषणा की गई।

रणनीति के तहत नायब के साथ राजभवन पहुंचे राव इंद्रजीत

भाजपा विधायक दल की पंचकूला के पंचकमल कार्यालय में हुई बैठक में जब विधायक दल का नेता चुना जा रहा था, तब अनिल विज वहीं मौजूद थे और उन्होंने ही नायब सैनी के नाम का प्रस्ताव किया, लेकिन केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत देर से बैठक में आए। तब तक अधिकतर कार्यवाही पर मुहर लग चुकी थी।

बाद में जब नायब सैनी केंद्रीय नेताओं के साथ सरकार बनाने का दावा पेश करने राजभवन गए तो उनके साथ केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत भी पहुंचे। राव इंद्रजीत का भाजपा विधायक दल की बैठक में थोड़ा देरी से आना और सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने नायब सैनी के साथ राजभवन जाना अमित शाह की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

राजभवन पहुंचकर सरकार बनाने का दावा पेश करने वालों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और नायब सिंह सैनी के साथ केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली, विधानसभा चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान तथा भाजपा सह प्रभारी बिप्लब कुमार देब भी शामिल रहे। तीनों निर्दलीय विधायक सावित्री जिंदल (हिसार), देवेंद्र कादिायन (गन्नौर) और राजेश जून (बहादुरगढ़) ने भी राज्यपाल से मुलाकात कर अपना समर्थन सरकार को देने संबंधी परिपत्र सौंपा।

मुख्यमंत्री बनने वाले नायब सैनी 11वें चेहरे

पंजाब से अलग होकर 1966 में नया राज्य बने हरियाणा में नायब सैनी मुख्यमंत्री बनने वाले 11वां चेहरा हैं। वह लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की बृहस्पतिवार को शपथ लेंगे, जिन्हें लोकसभा चुनाव से पहले मनोहर लाल के स्थान पर राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया था।

करीब छह माह के उनके कार्यकाल में अधिकतर समय लोकसभा व विधानसभा चुनाव की आचार संहिता में बीत गया। उन्हें 56 दिन काम करने का मौका मिला।

चौधरी बंसीलाल, चौधरी भजनलाल, चौधरी ओमप्रकाश चौटाला, चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मनोहर लाल के बाद नायब सैनी छठे नेता हैं, जो लगातार दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बन रहे हैं। अगर सीएम के पद की संख्या के हिसाब से देखें तो नायब सैनी राज्य के 25वें मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।