हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की हत्या से लेकर उसके कई कमांडरों को इजरायली सेना ने मौत के घाट उतार दिया है। इससे पहले लेबनान में पेजर धमाके भी हुए जिसमें भी इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ माना जा रहा है। इस बीच अब ये चीज सामने आई है कि कैसे मोसाद ने एक गुप्त अभियान चलाकर हिजबुल्लाह को अपने गेम में फंसाया था।
इजरायल लगातार लेबनान में हमले कर हिजबुल्लाह के ठिकानों को निशाना बना रहा है। हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की हत्या से लेकर उसके कई कमांडरों को इजरायली सेना ने मौत के घाट उतार दिया है। इससे पहले लेबनान में पेजर धमाके भी हुए, जिसमें भी इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ माना जा रहा है।
इस बीच अब ये चीज सामने आई है कि कैसे मोसाद ने एक गुप्त अभियान चलाकर हिजबुल्लाह को अपने गेम में फंसाया था।
ऐसे रची थी साजिश
- बता दें कि जिस डिवाइस का इस्तेमाल किया गया, वह AR924 पेजर था। ये मजबूत, जलरोधक और एक बड़ी बैटरी के साथ आता है जो बिना रिचार्ज के महीनों तक चल सकता है, इस पर हिजबुल्लाह को भी विश्वास था। पेजर को ऐसे दर्शाया गया था कि उसे इजरायल कभी ट्रैक ही नहीं कर सकता है।
- इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने अपने गुर्गों के जरिए हिजबुल्लाह को पेजर खरीदने के लिए राजी किया था। एक सेल्समेन ने हिजबुल्लाह को 5000 पेजर खरीदने के लिए ये तर्क देते हुए मनाया कि इजरायल इसे कभी हैक और ट्रैक नहीं कर पाएगा।
- हिजबुल्लाह ने इन पेजर की विश्वसनीयता के प्रति आश्वस्त होकर इनकी थोक खरीद की। इन उपकरणों को लेबनान और सीरिया में मध्यम स्तर के लड़ाकों और सहायक कर्मियों को वितरित किया गया। हिजबुल्लाह को यह एहसास नहीं था कि मोसाद ने खुद ही पेजर डिजाइन किए थे।
- योजना के तहत हिजबुल्लाह की संचार प्रणाली में घुसपैठ किया गया और आखिरकार पेजर में विस्फोट कर कई हिजबुल्लाह के कई लड़ाकों का काम तमाम किया गया।
- दरअसल, ये कहानी दो साल पहले शुरू हुई थी, जब मोसाद ने हिजबुल्लाह के नेटवर्क में घुसपैठ करने के लिए ट्रोजन हॉर्स के रूप में पेजर का उपयोग करने की योजना बनाई।
कैसे काम करता है पेजर?
Pager एक वायरलेस दूरसंचार उपकरण है, जिसको डिटेक्ट करना आसान नहीं होता। इसपर मैसेज से बात होती है और ये ध्वनि संदेश पर काम करता है।
Mossad का ये था प्लान
हर एक पेजर के बैटरी पैक के भीतर मोसाद ने एक शक्तिशाली विस्फोटक छिपा रखा था, इसे मोसाद ही दूर से ट्रिगर कर सकता था या दो-चरणीय प्रक्रिया के माध्यम से सक्रिय किया जा सकता था। 17 सितंबर को, इनमें से हजारों पेजर एक साथ फट गए, जिससे लगभग 3000 हिजबुल्लाह लड़ाके और नागरिक मारे गए।
इस योजना की शुरुआत 2022 में हुई थी, जब मोसाद ने हिजबुल्लाह को अपने जाल में फंसाकर उसे सुरक्षित संचार उपकरणों की पेशकश की थी।
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