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मूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने केरल हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली सिद्दीकी की याचिका पर सुनवाई मामले में केरल सरकार और पीड़ित को नोटिस जारी किया जिसने उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दुष्कर्म मामले में मलयालम एक्टर सिद्दीकी को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दे दी। न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने केरल हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली सिद्दीकी की याचिका पर सुनवाई मामले में केरल सरकार और पीड़ित को नोटिस जारी किया, जिसने उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था।

टॉप अदालत ने पीड़िता की ओर से पेश वकील वृंदा ग्रोवर से एक्टर के खिलाफ शिकायत दर्ज करने में देरी का कारण पूछा। वकील ने पीठ से कहा कि न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट, जिसने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं की तरफ से सामना किए जाने वाले चौंकाने वाले उत्पीड़न और यौन शोषण का खुलासा किया है, उसे बड़े संदर्भ में समझा जाना चाहिए।

24 सितंबर को खारिज कर दी थी जमानत याचिका

सिद्दीकी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि आठ साल बाद 2024 में शिकायत दर्ज की गई थी। हाई कोर्ट ने 24 सितंबर को रेप मामले में सिद्दीकी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि उन पर लगे आरोपों की गंभीरता को देखते हुए अपराध की उचित जांच के लिए उनकी हिरासत में पूछताछ अपरिहार्य थी।

सिद्दीकी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (बलात्कार) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत अपराध दर्ज किया गया था। उन्होंने अपनी याचिका में दावा किया है कि 2019 से शिकायतकर्ता महिला अभिनेता ने उन्हें "लंबे समय तक उ त्पीड़न और झूठे अभियान" का शिकार बनाया था।

कई FIR दर्ज

न्यायमूर्ति के हेमा समिति की रिपोर्ट में किए गए खुलासे के मद्देनजर कई हाई-प्रोफाइल मलयालम फिल्म हस्तियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद कई एफआईआर दर्ज की गई हैं।

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