तेज बारिश के दौरान लखनऊ में एक कॉम्प्लेक्स का पिलर धंस गया जिससे इमारत हिलने लगी और दूसरी मंजिल से प्लास्टर गिर गया। हादसे में कई मजदूर घायल हो गए जिन्हें लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बचाव कार्य जारी है और एनडीआरएफ एसडीआरएफ और दमकल की टीमें मौके पर मौजूद हैं। हादसे ने शहर में बुनियादी सुविधाओं और सुरक्षा मानकों को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
लखनऊ। तेज बारिश के दौरान एकाएक कॉम्प्लेक्स का पिलर धंस गया। इमारत हिलने लगी, तभी दूसरे तल से प्लास्टर उखड़कर धड़ाम से नीचे गिरा। अचानक ऐसा लगा कि जैसे भूकंप आ गया हो। यह कहना है लोकबंधु अस्पताल में भर्ती उन्नाव जिले के औरास के रहने वाले विनीत कश्यप का।
विनीत ने बताया कि वह कई सालों से दवा फर्म में काम कर रहे हैं। करीब साढ़े तीन बजे के आस पास तेज बारिश हो रही थी। साथी मजदूर ट्रक से गत्ते उतार रहे थे। इस बीच उन्होंने देखा कि कॉम्पलेक्स का एक पिलर धंस रहा है। वह चीख-पुकार करते हुए अंदर भागे ताकि लोग कांपलेक्स से बाहर निकल
वह गैलरी तक ही पहुंचे थे कि अचानक कॉम्पलेक्स भरभरा कर गिर गई। एक पिलर उसके ऊपर गिरा और वह दब गए। करीब एक घंटे तक दब रहे। पुलिस कर्मी पहुंचे तब आस पड़ोस की मदद से पिलर हटाकर उन्हें निकाला। कुछ ही देर में दमकल, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम भी आ गई।
उधर, भूतल, पहले और तीसरे तल पर फंसे लोग चीख-पुकार कर रहे थे। उन्नाव जिले के औरास उतरा डकौली के मजदूर शेर बहादुर, उन्नाव औरास के आकाश ने बताया कि वह गत्ते सिर पर लादकर ऊपर ले जा रहे थे। तभी इमारत ढह गई और वह सब दब गए।
पिलर का एक हिस्सा दीवार के सहारे था उसी के नीचे वह दबे थे। किसी तरह खिसक-खिसक कर बाहर निकले। पुलिस ने उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल भेजा।
मेरा भाई अभी नहीं मिला साहब, उसे ढूंढ दो
लोकबंधु अस्पताल में मजदूर शेर बहादुर, डाक्टरों और पुलिस कर्मियों से अपने भाई जगरूप सिंह के खोजबीन करने की गुहार लगा रहे थे। शेर बहादुर ने बताया कि वह दवा फर्म में कई सालों से काम कर रहे हैं। उनका भाई जगरूप सिंह भी कुछ महीने से काम कर रहा था। घटना के समय वह दूसरे तल पर था, जबकि भाई भूतल पर। भाई का रात तक कुछ पता नहीं चला।
स्कूटी, बाइक समेत कई गाड़ियां दबी
मलबे के नीचे दीपक की स्कूटी दब गई। इसके अलावा कॉम्पलेक्स के बाहर खड़ी कई लोगों को बाइक और गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई। वहीं, घायल आकाश ने बताया कि वह भूतल पर मोबिल आयल गत्ते में लगा रहे थे, तभी अचानक काम्पलेक्स ढहा। चोट लगने से वह अचेत हो गई। आंख खुली तो खुद को अस्पताल में पाया।
जाम में उखड़ती रहीं घायलों की सांसें
हादसे के बाद भी ट्रांसपोर्ट नगर में मुख्य मार्ग पर दोनों ओर ट्रक, डीसीएम और तमाम अन्य वाहन लगे थे। घायलों को अस्पताल ले जा रही एंबुलेंस जाम में फंसी थी। इस कारण एंबुलेंस में मरीजों की सांसे उखड़ रही थी। घटना के समय तमाम पुलिस कर्मी थे मगर मार्ग की यातायात व्यवस्था ठीक कराने के लिए कोई सड़क किनारे खड़े वाहनों को नहीं हटवा रहा था।
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