राजस्थान के बहुचर्चित कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपी जावेद को हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। मामले की जांच एनआईए कर रही है। जमानत देते हुए हाईकोर्ट ने एनआईए को लेकर अहम टिप्पणियां की हैं। अदालत ने कहा कि एनआईए ने केवल कॉल डिटेल के आधार पर आरोपित को गिरफ्तार किया। वह न तो आरोपित की लोकेशन साबित कर सकी न ही उससे किसी तरह की बरामदगी ही कर सकी।
जयपुर। लचर जांच और तथ्यों की कमजोरी के कारण राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल हत्याकांड में शामिल आरोपित मोहम्मद जावेद को उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई। जस्टिस पंकज भंडारी की खंडपीठ ने सुनवाई करते कहा कि जांच एजेंसी एनआईए ने केवल कॉल डिटेल के आधार पर आरोपित को गिरफ्तार किया। वह न तो आरोपित की लोकेशन साबित कर सकी, न ही उससे किसी तरह की बरामदगी ही कर सकी। आरोपित लंबे समय से जेल में है। ट्रायल लंबा चलेगा। ऐसे में जमानत दी जाती है।
न्यायालय को इस पर भी आपत्ति थी कि एनआईए ने आरोपित का स्टेटमेंट अंग्रेजी में लिखा, जिस भाषा में उसने जवाब दिया, उस भाषा में क्यों नहीं लिखा गया। हत्याकांड के 11 आरोपितों में एक जावेद पर मोहम्मद रियाज अत्तारी से मिलकर हत्या की योजना बनाने का आरोप है। एनआईए न्यायालय से 31 अगस्त 2023 को जमानत खारिज होने के बाद जावेद ने उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर की थी।
निर्मम तरीके से हुई थी कन्हैयालाल की हत्या
उल्लेखनीय है कि 28 जून 2022 को कन्हैयालाल की रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद ने निर्मम तरीके से गला काटकर हत्या कर दी थी। एनआईए ने पाकिस्तान के कराची निवासी सलमान और अबु इब्राहिम को फरार बताते हुए मुख्य आरोपित गौस मोहम्मद और रियाज अत्तारी सहित कुल 11 आरोपितों मोहसिन, आसिफ, मोहम्मद मोहसिन, वसीम अली, फरहाद मोहम्मद शेख उर्फ बबला, मोहम्मद जावेद, मुस्लिम मोहम्मद के खिलाफ चालान पेश किया था। फरहाद मोहम्मद उर्फ बबला को एनआइए न्यायालय ने एक सितंबर 2023 को जमानत दी थी। उस पर आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया गया था।
जमानत याचिका पर बहस के दौरान दोनों पक्षों के वकीलों के तर्क
जमानत याचिका पर बहस के दौरान एनआईए के वकील ने कहा कि कन्हैयालाल हत्याकांड में शामिल आरोपित एक-दूसरे को जानते हैं, उन्होंने मिलकर साजिश की। कॉल डिटेल से इसकी पुष्टि होती है। गवाह जिशन का भी कहना है कि घटना के पहले रियाज और जावेद इंडियाना टी स्टाल पर मिले थे।
जावेद के वकील ने कहा कि एनआईए के अनुसार जावेद ने टी स्टाल पर हत्या की योजना बनाई, जबकि टी स्टाल के मालिक ने जावेद के उस दिन वहां होने की बात कंफर्म नहीं की। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से साबित होता है कि जावेद कन्हैयालाल की दुकान पर नहीं गया। एनआईए के अनुसार रियाज के पास जावेद की कॉल आई थी, जबकि जावेद ने कभी रियाज को कॉल नहीं की। उसके मोबाइल फोन में रियाज के नंबर भी सेव नहीं मिले।
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