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लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्य को रोक दिया गया है। कार्यदायी संस्था पीएनसी को निर्देश दिए गए हैं कि पहले सुरक्षा मानकों का पालन करें उसके बाद काम शुरू करें। गुरुवार के दिन गर्डर बीम रखने व अन्य निर्माण कार्य भी बंद रहे। तीन हजार करोड़ के इस प्रोजेक्ट में कार्यदायी संस्था को पहले से बने राष्ट्रीय राजमार्ग का रखरखाव भी करना है।

लखनऊ। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य तत्काल प्रभाव से अगले आदेशों तक रोक दिया है।

एनएचएआई ने कार्यदायी संस्था पीएनसी को निर्देश दिए हैं कि पहले सुरक्षा मानकों का पालन करें, उसके बाद काम शुरू करें। वहीं बिजली से जुड़ा मोनो पाेल का काम सुरक्षा मानक पूरा करने के बाद दोपहर बाद शुरू हो सका। सुरक्षा की दृष्टि से बैरीकेडिंग व सुरक्षा गार्ड लगाए गए हैं।

आज भी निर्माण कार्य रहे बंद

वहीं एनएचएआई और कार्यदायी संस्था के बीच बेहतर तालमेल रखने के लिए काम कर रही कंसल्टेंट थीम इंजीनियरिंग के रोड सेफ्टी एक्सपर्ट अनिल शर्मा को दोषी मानते हुए प्राधिकरण ने गुरुवार को निकालने के निर्देश दिए हैं। वहीं टीम लीडर को चेतावनी पत्र जारी किया गया है। गुरुवार के दिन गर्डर, बीम रखने व अन्य निर्माण कार्य भी बंद रहे।

हाईटेंशन लाइन को एलीवेटेड रोड के ऊपर से निकाला जा रहा है। इसकी ऊंचाई करीब 40 मीटर से अधिक है। वहीं बरसात बाद कार्यदायी संस्था को लखनऊ-कानपुर हाई वे की सड़क को बनाने के निर्देश दिए हैं

प्रारंभिक जांच में पाई गई थी लापरवाही

बता दें कि तीन हजार करोड़ के इस प्रोजेक्ट में कार्यदायी संस्था को पहले से बने राष्ट्रीय राजमार्ग का रखरखाव भी करना है। बुधवार को लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य होने के दौरान हाईटेंशन लाइन को एलीवेटेड रोड के ऊपर से निकालने के लिए मोनो पोल खड़ा किया जा रहा था। तभी क्रेन का तार टूट गया था और पोल कार के ऊपर गिर गया था और इससे कार क्षतिग्रस्त हो गई थी। कार्यदायी संस्था आर्यवंश प्राइवेट लिमिटेड की लापरवाही प्रारंभिक जांच में पायी गई थी।

हर दिन बिजली विभाग को देना है 18 लाख

हाईटेंशन लाइन को शिफ्ट करने के लिए ट्रांसमिशन से दस सितंबर तक 24 घंटे के लिए शट डाउन लिया गया है। ट्रांसमिशन के मुख्य अभियंता आशुतोष दीक्षित ने बताया कि 400 केवी सरोजनीनगर कुर्सी रोड (पीजीसीआइएल) फिलहाल बंद है। जो लाइन बंद हैं, उन क्षेत्रों को दूसरे वैकल्पिक स्त्रोत से बिजली दी जा रही है।

वहीं अधिशासी अभियंता आलोक कुमार ने बताया कि प्रतिदिन 24 घंटे शटडाउन के लिए करीब 18 लाख प्रतिदिन के हिसाब से एजेंसी ने एक करोड़ अस्सी लाख रुपये दस दिन का जमा कराया है

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