UP News: नक्सल फंडिंग मामले में NIA का उत्तर प्रदेश में छापा, एक साथ चार राज्यों में हुई कार्रवाई
यूपी पंजाब हरियाणा और दिल्ली में नक्सल फंडिंग के मामले में NIA की बड़ी कार्रवाई चार राज्यों में एक साथ छापेमारी। प्रयागराज और महराजगंज में दो युवकों से पूछताछ मोबाइल और दस्तावेज जब्त। एनआईए ने सीपीआई (माओवादी) के लिए फंडिंग और युवाओं की भर्ती करने वालों की तलाश तेज की। टीम ने युवकों को लखनऊ में एनआइए कार्यालय में उपस्थित होने को कहा है।
लखनऊ। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की टीमों ने नक्सल फंडिंग की जांच में शुक्रवार सुबह उप्र में भी छापेमारी की। प्रयागराज और महराजगंज में दो युवकों से लंबी पूछताछ की गई। मोबाइल और तलाशी में मिले दस्तावेज, पत्रिकाएं आदि टीम साथ ले गई। टीम ने युवकों को लखनऊ में एनआइए कार्यालय में उपस्थित होने को कहा है।
इसके अलावा दिल्ली, पंजाब व हरियाणा में भी छापेमारी की गई। एनआइए प्रतिबंधित संगठन सीपीआइ (माओवादी) के लिए उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों में नेटवर्क बनाकर फंडिंग के साथ ही युवाओं की फौज तैयार करने वालों की छानबीन भी कर रहा है। इसी कड़ी में एनआइए ने सितंबर, 2023 में प्रयागराज, देवरिया, आजमगढ़, चंदौली व वाराणसी में सीपीआइ (माओवादी) से जुड़े नौ लोगों के आठ ठिकानों पर छापेमारी की थी।
एनआइए ने एक केस भी दर्ज किया था। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश में छात्र संगठनों को निशाना बनाकर उनके नेताओं को जोड़ने की जिम्मेदारी सीपीआइ (माओवादी) की केंद्रीय कमेटी के सदस्य प्रमोद मिश्रा को सौंपी गई थी। प्रमोद से जुड़े कई सक्रिय सदस्यों की जानकारी मिली थी, जिन्हें देश व सरकार विरोधी गतिविधियां संचालित करने के लिए जोड़ा गया था।
बीएचयू के कुछ छात्रों से भी संपर्क साधा गया था। कई संदिग्धों की तलाश की जा रही है। एनआइए की छापेमारी से पूर्व एटीएस ने बलिया से सीपीआइ (माओवादी) की गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप में नक्सली तारा देवी व उसके साथियों को गिरफ्तार किया था। एनआइए की डीएसपी रश्मि शुक्ला के नेतृत्व में छह सदस्यीय टीम शुक्रवार सुबह करीब 4:45 बजे प्रयागराज में आशीष लाज पहुंची।
यहां पर किराये के कमरे में रहने वाले आगरा निवासी देवेंद्र आजाद को एनआइए के अधिकारियों ने नोटिस दिखाया। उसके रूम पार्टनर को बाहर कर दिया। कमरा बंद कर उससे आठ घंटे पूछताछ हुई। उसके दो लैपटाप एवं मोबाइल फोन को भी चेक किया गया, चैटिंग के बारे में पूछताछ की गई। कमरे में मिली एक पत्रिका में छपे उसके लेख के बारे में कई सवाल किए गए।
दोपहर करीब 12 बजे टीम दो पत्रिकाएं, नागरिक समाज का पर्चा लेकर लखनऊ के लिए निकल गई। देवेंद्र आजाद का कहना था कि वह अध्ययन के लिए प्रयागराज आया है, उसका किसी मामले से लेना-देना नहीं है। एनआइए टीम ने उससे एक पत्रिका में छपे उसके लेख के बारे में जानकारी ली। जनवरी 2023 में लखनऊ में दर्ज एक मामले को लेकर भी पूछताछ की। उसे 15 सितंबर को एनआइए कार्यालय में उपस्थित होने को कहा गया है।
इसी तरह महराजगंज जिले में सुबह 5:30 बजे निचलौल क्षेत्र के करमहिया गांव में जितेंद्र गुप्ता पुत्र छेदी गुप्ता के घर को एनआइए, स्वाट टीम और पुलिस ने अचानक चारों तरफ से घेर लिया। चार घंटे तक घर की तलाशी ली। जितेंद्र से गहन पूछताछ की। जितेंद्र ने बताया कि वह मेडिकल स्टोर्स चलता है, तो उसे लेकर टीम मेडिकल स्टोर पर पहुंची और सघन जांच की। फिर वहां से लाकर उसे छोड़ दिया।
जितेंद्र ने बताया कि मोबाइल, डायरी और पढऩे वाली दो पत्रिका एनआइए की टीम अपने साथ ले गई है। 10 सितंबर को उसे एनआइए कार्यालय लखनऊ में बुलाया गया है। जितेंद्र के अनुसार कोरोना काल के पहले वह जिस इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ाता था, वहीं अरविंद नाम का युवक भी पढ़ाता था। दोनों का साथ वर्ष 2016 से लेकर 2019 तक रहा।
अरविंद खुद को उत्तराखंड का बताता था। वह स्कूल छोड़कर चला गया तो कुछ समय बाद उसकी तलाश में एनआइए टीम विद्यालय पर आई थी। उस समय पता चला अरविंद उत्तराखंड नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ का रहने वाला है और नक्सलियों से उसके संबंध हैं। इसी कारण एनआइए को उस (जितेंद्र) पर पर भी संदेह है।
उधर, पंजाब के बठिंडा में एनआइए की टीम ने सुबह करीब पांच बजे सुखविंदर कौर के घर दबिश दी। छह घंटे घर की तलाशी लेने और परिवार के लोगों से पूछताछ के बाद कुछ जरूरी दस्तावेज साथ लेकर लौट गई। उस वक्त सुखविंदर पटियाला के शंभू बार्डर पर किसान मोर्चे में शामिल होने के लिए गई थीं।
उनके पति हरभिंदर जलाल ने बताया कि उप्र के लखनऊ में एक मामले में उसका नाम आने पर अदालत से सर्च वारंट के आधार पर एनआइए ने यह दबिश दी थी। टीम घर से विभिन्न संगठनों और वामपंथी विचारधारा से संबंधित साहित्य, उसका मोबाइल, पेन ड्राइव तथा अन्य सामान लेकर गई है।
वामपंथी विचारधारा से जुड़े हरभिंदर के खिलाफ वर्ष 2011 में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज हुआ था, जिसमें बरी किया जा चुका है। हथियार रखने के एक केस में वह जमानत पर है।
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