J&K Election: सात दशक बाद सच होने जा रहा सपना, विधानसभा चुनाव में पहली बार वोट डालेंगे विस्थापित हिंदू
जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव होगा। विधानसभा चुनाव में वोट डालने को लेकर लोगों में उत्साह नजर आ रहा है। वहीं पाकिस्तान से आए विस्थापित हिंदू भी 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर के स्थायी निवासी बन गए हैं। वो भी इस चुनाव में पहली बार वोट डालेंगे जो उनके लिए किसी सपने से कम नहीं है।
जम्मू। देश के विभाजन के समय पाकिस्तान से जम्मू कश्मीर आने वाले विस्थापित हिंदू भी विधानसभा चुनाव में मतदान के लिए बेहद उत्साहित हैं।
विस्थापन के सात दशक बाद इनका अपनी सरकार चुनने के लिए वोट डालने का सपना सच होने जा रहा है। इन्होंने जम्मू कश्मीर के स्थायी निवासी होने का हक पाने के लिए 70 वर्ष तक संघर्ष किया। इस बार पहली बार वे विधानसभा चुनाव में मतदान करेंगे।
370 हटने के बाद स्थायी निवासी बन गए थे विस्थापित हिंदू
वर्ष 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने के बाद पाकिस्तानी विस्थापित हिंदू जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासी बन गए थे। इससे उनको विधानसभा में वोट डालने का अधिकार मिल गया। अनुच्छेद 370 की वजह से ये लोग जम्मू कश्मीर के स्थायी निवासी नहीं बन पाए थे। इसलिए इस अनुच्छेद के खत्म होने के बाद पाकिस्तान से आए हिंदुओं को भी सभी अधिकार मिलने लगे हैं।
वोट डालने का हक सपने के सच होने जैसा
इसमें विधानसभा में वोट डालने का हक मिलना, उनके लिए किसी सपने के सच होने जैसा है। इस समय जम्मू कश्मीर में पाकिस्तानी विस्थापित परिवारों की संख्या 20 हजार से ज्यादा है। ऐसे में किसी प्रत्याशी की जीत-हार में इनकी बहुत बड़ी भूमिका होगी। अब ये लोग न सिर्फ वोट डाल सकते हैं वरन अपने प्रत्याशी भी खड़े कर सकते हैं। इन लोगों में वोट डालने को लेकर अपार खुशी देखी जा रही है। घरों में खुशियां हैं।
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