कांग्रेस मुख्यालय में शुक्रवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मिली हार पर मंथन किया। बैठक में खरगे ने कहा कि चुनाव परिणामों से सबक लेकर कठोर निर्णय लेने होंगे। जवाबदेही तय करनी होगी और खामियों को दूर करना होगा। उन्होंने कहा कि तीन राज्यों के परिणाम उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे हैं।
अखिल भारतीय कांग्रेस मुख्यालय में शुक्रवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मिली हार पर मंथन किया। बैठक में खरगे ने कहा कि चुनाव परिणामों से सबक लेकर कठोर निर्णय लेने होंगे। जवाबदेही तय करनी होगी और खामियों को दूर करना होगा। उन्होंने कहा कि तीन राज्यों के परिणाम उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे हैं।
अंदरूनी कलह से होता है नुकसान
कांग्रेस नेताओं ने पार्टी की कलह पर मंथन किया। उनका मानना है कि इसकी वजह से पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एकजुटता की कमी और अपने ही पार्टी नेताओं के खिलाफ बयानबाजी से काफी नुकसान होता है।
उन्होंने कहा कि जब तक हम एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी बंद नहीं करेंगे और एकजुट होकर चुनाव नहीं लड़ेंगे तब तक अपने विरोधियों को कैसे हरा पाएंगे। सभी को कड़ाई से अनुशासन का पालन करना होगा। सभी को यह सोचना होगा कि कांग्रेस पार्टी की जीत हमारी जीत है और पार्टी की हार हमारी हार है। हमारी ताकत पार्टी की ताकत में है।
ईवीएम पर उठाया सवाल
बैठक में ईवीएम पर भी सवाल उठाया गया। खरगे ने कहा कि ईवीएम ने चुनावी प्रक्रिया को संदिग्ध बना दिया। देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना चुनाव आयोग की संवैधानिक जिम्मेदारी है।
चुनाव परिणाम हमारे लिए संदेश हैं
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि I.N.D.I.A के दलों ने चार में से दो राज्यों पर सरकार बनाई है। मगर कांग्रेस का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा है। यह चुनाव रिजल्ट एक संदेश हैं। हमें चुनाव परिणामों से तुरंत सीख लेने और संगठनात्मक स्तर पर अपनी सभी कमजोरियों और कमियों को दूर करने की जरूरत है।
हम माहौल का फायदा क्यों नहीं उठा पाए?
खरगे ने कहा कि चुनाव के दौरान माहौल कांग्रेस के पक्ष में था। मगर सिर्फ माहौल का कांग्रेस के पक्ष में होना जीत की गारंटी नहीं है। हमें माहौल को नतीजों में बदलना सीखना होगा। क्या कारण है कि हम माहौल का फायदा नहीं उठा पा रहे हैं? उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं को कड़ी मेहनत करनी होगी। समय पर रणनीति बनानी होगी। बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करना होगा। मतदाता सूची बनाने से मतगणना तक सतर्क और सावधान रहना होगा।
चुनाव लड़ने के तरीके बदल गए हैं
खरगे ने कहा कि जाति जनगणना आज एक अहम मुद्दा है। उन्होंने कहा कि सिर्फ छह महीने पहले लोकसभा में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के पक्ष में जिस तरह के नतीजे आए, उसके बाद विधानसभा चुनाव के नतीजे राजनीतिक पंडितों की समझ से परे हैं। नतीजों को कोई भी अंकगणित सही नहीं ठहरा पा रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि समय बदल गया है और चुनाव लड़ने के तरीके भी बदल गए हैं। पार्टी को अपनी सूक्ष्म संचार रणनीति को अपने विरोधियों से बेहतर बनाना होगा। प्रचार और गलत सूचना से लड़ने के तरीके भी खोजने होंगे।
हमें पिछले परिणामों से सबक लेकर आगे बढ़ना होगा। कमियों को दूर करना होगा। आत्मविश्वास के साथ कठोर निर्णय लेने होंगे। बैठक में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, केसी वेणुगोपाल और जयराम रमेश समेत अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे हैं।
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