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Delhi Jal Board: साल-दर-साल क्यों कम जारी हो रहा दिल्ली जल बोर्ड को बजट, आतिशी ने गिनाई वजह

Delhi में जब गर्मी का सीजन आता है तो लोग जल संकट का सामना करते हैं। जबकि मानसून के मौसम में दिल्ली डूब जाती है। आखिरी इसके पीछे क्या वजह है और कौन जिम्मेदार है? जल बोर्ड को 7195 करोड़ आवंटित बजट में से अभी तक महज 473 करोड़ ही मिले। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले पर टिप्पणी की थी। आतिशी ने एलजी और अधिकारियों को दोषी ठहराया।

 नई दिल्ली। दिल्ली में उत्पन्न जल भराव, सीवर और पानी की समस्या की समस्या से लोग परेशान हैं।इसकी बड़ी वजह सामने आई है। दैनिक जागरण को मिले सरकार के दस्तावेजों से यह साफ हो रहा है कि दिल्ली जल बोर्ड को केंद्रीय गृह मंत्रालय, दिल्ली के उपराज्यपाल और विधानसभा से मंजूर बजट की पूरी और जरूरत के हिसाब से रकम भी जारी नहीं हो रही है।

सुप्रीम कोर्ट की फटकार का नहीं दिखा असर

दस्तावेज यह बताते हैं कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में आवंटित 7195 करोड़ रुपये बजट का महज 6.5 प्रतिशत हिस्सा यानी 473 करोड़ ही आवंटित हुआ है। इसका परिणाम यह हुआ है कि दिल्ली जल बोर्ड सीवर लाइन, जल भराव और पानी उपलब्ध कराने को लेकर कोई पैसा खर्च नहीं कर पा रहा है। जिसका खामियाजा दिल्ली की तीन करोड़ जनता को उठाना पड़ रहा है। यह स्थिति सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद भी बनी हुई है।

हमारे पास मौजूद दस्तावेज यह बताते हैं कि जनवरी 2023 से पूर्व जल बोर्ड को पैसे जारी होने की बेहद सरल प्रक्रिया थी, जिसके तहत जल बोर्ड आवंटित बजट की किस्तवार मांग करता था। जल बोर्ड खर्च का प्रमाणपत्र लगाकर अगली किस्त की मांग करता था और डिमांग के अनुपात में लगभग 95 प्रतिशत रकम जल बोर्ड को जारी हो जाया करती थी।

दस्तावेज ये बताते हैं कि जल बोर्ड द्वारा की जाने वाली डिमांग पर मिलने वाली राशि के लिए जनवरी 2023 के बाद प्रक्रिया बेहद जटिल हो गई है। पैसों का मामला सवालों में ही उलझ जा रहा है।

सूत्रों का कहना है कि दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय ने दिल्ली जल बोर्ड में हुए 200 टेंडर की औचक निरीक्षण कर जांच की थी। सूत्रों के अनुसार जांच में जल बोर्ड में 200 काम होते पाए गए और किसी भी काम में एक रुपए की गड़बड़ी नहीं मिली है। मगर फंड फिर भी जारी नहीं हुआ।

जनवरी 2023 के बाद मांग और जारी हुआ पैसा

दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में दिल्ली जल बोर्ड को 7375 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था। जल बोर्ड द्वारा वित्त विभाग से कई बार किस्त में पैसे की मांग की गई, लेकिन पूरे वित्तीय वर्ष में उसे महज 4573.91 करोड़ रुपये ही जारी हुआ।

यानी जल बोर्ड को कुल आवंटित बजट का करीब 62 प्रतिशत रकम ही मिली है और करीब तीन हजार करोड़ रुपये लैप्स हो गया है। जबकि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 7195 करोड़ रुपये जल बोर्ड को आवंटित किया गया है। इसमें से करीब 1122 करोड़ रुपये ही अब तक मिला है। इसमें भी 527 करोड़ वित्तीय वर्ष 2023-24 का पैसा है।

जनवरी 2023 से पूर्व मांग और जारी हुआ पैसा

वहीं, जनवरी 2023 से पहले वित्तीय वर्ष 2022-23 में दिल्ली जल बोर्ड को 7607 करोड़ रुपये आवंटित हुआ था और जल बोर्ड को विभिन्न मदों में करीब 4572 करोड़ रुपये मिला था। इसी तरह वित्तीय वर्ष 2021-22 में 3271.50 करोड़ रुपये बजट आवंटित किया गया था।

जल बोर्ड को वित्तीय वर्ष में करीब 3061.77 करोड़ रुपये जारी हुए थे। यानी लगभग पूरा बजट मिल गया था। इसी तरह वित्तीय वर्ष 2020-21 में 5029 करोड़ रुपये का बजट आवंटित था और जल बोर्ड को पूरा 5029 करोड़ रुपये समय से मिल गए थे।

जल बोर्ड को पैसा न मिलने से ये काम ठप

- सीवर की नई पाइप लाइन नहीं पड़ पा रही है

- सीवर की सफाई नहीं हो पा रही है

- पानी की पाइप लाइन नहीं बदली जा रही है

- पानी की पाइप लाइनों की मरम्मत आदि काम प्रभावित हो रहा है

- पाइप लाइन बिछाने के दौरान खोदी गई सड़कों की मरम्मत का कार्य रुक रहा है।

- अंतर विभागीय काम प्रभावित होता है

- जल भराव की समस्या पर काम नहीं हो पा रहा है

- ठेकेदारों का भुगतान रूका हुआ है

हर संभव प्रयास कर दिल्ली की जनता के सभी काम कराएंगे-आतिशी

वित्त विभाग की तरफ से जल बोर्ड  को जारी होने वाली रकम में समस्या हो रही है।इसके चलते जनहित के ढेरों काम ठप पड़े हैं । लेकिन जनता के लिए हम हर स्तर पर लड़ाई लड़ रहे हैं।

सेवा विभाग दिल्ली सरकार के पास न होने के कारण अधिकारियों पर हमारा सीधा नियंत्रण नहीं है। फिर भी हम हर मौजूद विकल्प का सहारा लेकर दिल्ली की जनता का काम कराते रहेंगे।