हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम और भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार (Shanta Kumar) ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। शांता कुमार ने आप नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को साफ छवि का नेता बताया। वहीं पूर्व सीएम ने कहा कि सभी पार्टियां काले धन से ही चुनाव लड़ती हैं। सभी पार्टियों के नेता को गंभीरता से भारत के लोकतंत्र की सच्चाई पर विचार करना चाहिए।
पालमपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार (Shanta Kumar) ने आप नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की गिरफ्तारी से अपनी ही पार्टी के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने मनीष सिसोदिया को साफ छवि का नेता करार दिया है। शनिवार को जारी प्रेस बयान में शांता ने कहा कि 17 माह बाद सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत पर छोड़ा है।
आप सरकार के नेता व्यक्तिगत रूप से भ्रष्टाचारी नहीं: शांता
बकौल शांता, उनका विश्वास है कि दिल्ली में आप सरकार के नेता व्यक्तिगत रूप से भ्रष्टाचारी नहीं हैं। यह पार्टी अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार के विरुद्ध ऐतिहासिक आंदोलन से निकली थी। पहली बार दिल्ली का चुनाव लड़ा तो 70 में से 67 सीटें जीती। सरकार बनाई और ईमानदारी से काम किया। परिणाम यह हुआ कि दूसरी बार भी दिल्ली में आप की सरकार बनी।
आप ने भाजपा को किया था परास्त: शांता कुमार
केंद्र में भाजपा सरकार के नीचे रहते हुए आप ने भाजपा को परास्त किया था। इस इस बात का प्रमाण था कि आप ने दिल्ली में अच्छा काम कर राजधानी के मतदाताओं का दिल जीता था। यह दुर्भाग्य का विषय है कि भारत का चुनाव काले धन से लड़ा जाता है। हर पार्टी चुनाव के लिए धन इकट्ठा करती है।
भारत का लोकतंत्र काले धन और झूठ से होता शुरू: भाजपा नेता
देश की पार्टी बनने के लिए यही काम आप ने शुरू किया लेकिन पार्टी को चुनाव में धन इकट्ठा करने का अनुभव नहीं था। बाकी पार्टियां इस तरीके से धन एकत्रित करती हैं कि कानून के शिकंजे में कभी कोई नहीं आता है। अनुभव न होने के कारण धन एकत्रित करने में आम आदमी पार्टी पकड़ी गई। सभी पार्टियों के नेता गंभीरता से भारत के लोकतंत्र की इस सच्चाई पर विचार करें कि भारत का लोकतंत्र काले धन और झूठ से क्यों शुरू होता है।
सभी पार्टियां काले धन से लड़ती हैं चुनाव: शांता कुमार
सभी पार्टियां काले धन से चुनाव लड़ती हैं और चुनाव आयोग के सामने खर्च का हिसाब देते समय झूठ बोलते हैं। जो लोकतंत्र काले धन और झूठ से शुरू होता है वह आम गरीब आदमी का भला कभी नहीं कर सकता। आज दुनिया के पांच अमीर देशों में शामिल होने के बाद भी भारत में विश्व के सबसे अधिक भूखे और गरीब रहते हैं। इस देश में अमीरी चमकती है और दूसरी तरफ गरीबी सिसकती है।
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