रामनगरी में एक ऐसा मंदिर है जहां भगवान बीमार पड़ते हैं। प्रत्येक वर्ष आषाढ़ कृष्ण पक्ष के उत्तरार्द्ध से यहां भगवान जगन्नाथ से जुड़ी आस्था फलक पर होती है। जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ के साथ सुभद्रा और बलभद्र का विग्रह स्थापित है। भगवान जगन्नाथ से जुड़ी कथा के अनुसार वह ज्येष्ठ पूर्णिमा का दिन था जब चंदन सरोवर में स्नान करते समय वह बीमार पड़ जाते हैं।
अयोध्या के जगन्नाथ मंदिर में स्थापित भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा एवं बलभद्र का विग्रह क्रमश:
रघुवरशरण, अयोध्या। जगत का पालन करने वाले भगवान स्वयं भी बीमार होते हैं और भक्त उनका उपचार भी करते हैं। विश्वास न हो, तो जगन्नाथ मंदिर आइए। यह मंदिर रामजन्मभूमि के पुराने दर्शन मार्ग पर स्थित है। प्रत्येक वर्ष आषाढ़ कृष्ण पक्ष के उत्तरार्द्ध से यहां भगवान जगन्नाथ से जुड़ी आस्था फलक पर होती है। जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ के साथ सुभद्रा और बलभद्र का विग्रह स्थापित है।
भगवान जगन्नाथ से जुड़ी कथा के अनुसार वह ज्येष्ठ पूर्णिमा का दिन था, जब चंदन सरोवर में स्नान करते समय वह बीमार पड़ जाते हैं। इस प्रसंग के हिसाब से प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ पूर्णिमा के दूसरे दिन यानी आषाढ़ कृष्ण प्रतिपदा से भगवान जगन्नाथ के मूल स्थान पुरी के जगन्नाथ मंदिर में भगवान का पट बंद हो जाता है, किंतु रामनगरी के जगन्नाथ मंदिर में इस परंपरा का पालन आषाढ़ कृष्ण पक्ष की एकादशी से शुरू होता है।
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