ग्रो के एक यूजर ने लिंक्डइन पर पोस्ट करके ब्रोकरेज फर्म पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। उसका दावा है कि कंपनी ने पैसे लेने के बावजूद म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश नहीं किया जबकि उसे फोलियो नंबर पर जारी किया गया था जो फर्जी था। कंपनी ने इस मामले को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया है। आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है
ग्रो ने माना कि ग्राहक के डैशबोर्ड पर एक फोलियो दिख रहा था, लेकिन उसकी वजह तकनीकी गड़बड़ी थी
नई दिल्ली। शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड में निवेश की सुविधा देने वाले प्लेटफॉर्म के रूप में ग्रो (Groww) की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। यह मई में 1.3 करोड़ एक्टिव यूजर के साथ अव्वल रहा। इसने यह मुकाम नितिन कामत के जीरोधा को पीछे छोड़कर हासिल किया है, जिसकी इस सेगमेंट में लंबे समय तक बादशाहत रही थी।
हालांकि, अब ग्रो के एक यूजर ने लिंक्डइन पर पोस्ट करके ब्रोकरेज फर्म पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। उसका दावा है कि कंपनी ने पैसे लेने के बावजूद म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश नहीं किया, जबकि उसे फोलियो नंबर पर जारी किया गया था, जो फर्जी था।
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