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झारखंड में चुनाव के रिजल्ट आने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तो पद की शपथ ले ली लेकिन अब तक विभाग का बंटवारा नहीं हो सका है। अब इसकी वजह सामने आई है। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने सीनियर लीडरशिप के साथ पहली बैठक की। उन्होंने बताया कि आखिर अब तक मंत्रियों की सूची क्यों नहीं सौंपी गई है।

रांची: झारखंड में चुनाव परिणा के बाद प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर लगातार सक्रिय हैं और सीनियर लीडरशिप के साथ चुनाव परिणाम के बाद प्रदेश कांग्रेस प्रभारी की पहली बैठक थी। उन्होंने बताया कि इस पहली बैठक में कई सारी बातों पर चर्चा हुई है।

 

चुनाव प्रचार से लेकर चुनाव परिणाम एवं सरकार गठन तक पर चर्चा हुई। हमने केंद्रीय नेतृत्व को झारखंड के विधायकों की सूची सौंप दी है और जब भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चाहेंगे मंत्रिमंडल का गठन हो जाएगा। चुनाव जीत कर आए विधायकों के बारे में विस्तार से जानकारी केंद्रीय नेतृत्व को दी गई है।

 

ऐसे में जैसे ही मुख्यमंत्री के यहां से संदेश आएगा, कांग्रेस अपने मंत्रियों की सूची उन्हें सौंप देगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जब हम लोगों ने एक लीडर (हेमंत सोरेन) का नाम तय कर लिया है तब उन्हें इसकी स्वतंत्रता मिलनी चाहिए कि वह किसको मंत्री बनाते हैं।

 

इस आधार पर मिल सकता है विभाग

कांग्रेस नेता ने कहा कि हम लोग हर व्यक्ति को कैबिनेट में जगह तो नहीं दिला सकते लेकिन जो बड़े जाति समूह है उनका प्रतिनिधित्व होगा। हमलोग जनता का ख्याल रखते हुए विभागों का बंटवारा करेंगे।

हेमंत मंत्रिमंडल में कांग्रेस के 4 मंत्री शामिल हो सकते हैं

  • जानकारी के मुताबिक हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल में कांग्रेस के चार मंत्री शामिल किए जाएंगे।
  • पिछली सरकार में भी कांग्रेस कोटे के चार मंत्री थे।
  • मंत्रियों का नाम निर्धारित करने में जातीय व क्षेत्रीय संतुलन का ख्याल रखा जाएगा।
  • कांग्रेस कोटे से मंत्रिमंडल में शामिल होने की रेस में डॉ. रामेश्वर उरांव, इरफान अंसारी, प्रदीप यादव, दीपिका पांडेय सिंह रेस में बताए जाते हैं।

भाकपा-माले ने मंत्रिमंडल में शामिल होने से किया इनकार

भाकपा-माले ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगी। निरसा के विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि हम गठबंधन के साथ बने रहेंगे। वर्तमान में गठबंधन दलों को लेकर मुख्यमंत्री स्वयं दबाव में हैं। हमलोग उनपर कोई दबाव बनाना नहीं चाहते हैं।

हमलोग हर स्थिति में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ हैं। झारखंड में कभी भी उनके नेतृत्व में कोई काम नहीं रुकेगाी। हमलोग जनता के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे और किसी तरह की परेशानी नहीं होने देंगे। मंत्री पद को लेकर हमलोगों ने कभी बात नहीं की है। हमलोग उनके साथ हैं और हर वक्त रहेंगे।

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