Skip to main content

फर्रुखाबाद के नितिन अजीत अमित रविवार तड़के गूगल मैप के सहारे कार से फरीदपुर (बरेली) जा रहे थे। मुड़ा गांव के पास रामगंगा पर अधूरा पुल होने से रास्ता बंद था इसके बावजूद मैप पर सुचारू दिखता रहा। वहां ईंटों की दीवार भी कुछ ग्रामीणों ने गिरा दी थी। इससे अनजान युवक आगे बढ़े और पुल से कार गिरने के कारण तीनों की मृत्यु हो गई थी।

बदायूं। कुछ सर्च करने के लिए आदमी अक्सर गूगल का सहारा लेता है, लेकिन गूगल के अधिकारियों को सर्च करना हो तो? दातागंज थाने की पुलिस इस सवाल का जवाब तलाशने में एक सप्ताह उलझी रही। गूगल के अधिकारियों का क्षेत्रीय पता नहीं मालूम चला तो ईमेल का सहारा लिया।

रविवार को विवेचक ने गूगल मैप की कंप्लेन आईडी पर ईमेल कर नोटिस भेजा। उसमें लिखा गया कि मुड़ा गांव के अधूरे पुल पर रास्ता बंद होने के बावजूद 24 नवंबर को गूगल मैप पर सुचारु दिखा रहा था। इस भ्रम एवं त्रुटि के कारण अधूरे पुल पर चढ़े कार सवार तीन युवकों की गिरकर मौत हो गई। इसका जिम्मेदार कौन है? गूगल मैप का क्षेत्रीय अधिकारी कौन है? इन सवालों के जवाब के लिए सात दिन का समय दिया गया है। इसके बाद प्राथमिकी में गूगल मैप के अधिकारियों का नाम बढ़ाया जा सकता है।

फर्रुखाबाद के नितिन, अजीत, अमित रविवार तड़के गूगल मैप के सहारे कार से फरीदपुर (बरेली) जा रहे थे। मुड़ा गांव के पास रामगंगा पर अधूरा पुल होने से रास्ता बंद था, इसके बावजूद मैप पर सुचारू दिखता रहा। वहां ईंटों की दीवार भी कुछ ग्रामीणों ने गिरा दी थी। इससे अनजान युवक आगे बढ़े और पुल से कार गिरने के कारण तीनों की मृत्यु हो गई थी।

इस प्रकरण में दातागंज के नायब तहसीलदार छविराम ने लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता मोहम्मद आरिफ, अभिषेक कुमार, अवर अभियंता अजय गंगवार और महाराज सिंह के विरुद्ध गैरइरादतन हत्या के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या की धारा में प्राथमिकी पंजीकृत कराई थी। प्राथमिकी में उल्लेख किया गया कि गूगल मैप पर रास्ते की गलत जानकारी दी गई, इसलिए उसके क्षेत्रीय अधिकारी भी जिम्मेदार हैं।

इस परपुलिस का कहना था कि विवेचना में मिले तथ्यों के आधार पर गूगल मैप के अधिकारियों का नाम बढ़ाया जाएगा। दातागंज थाने के इंस्पेक्टर गौरव विश्नोई ने बताया कि गूगल के गुरुग्राम स्थित कार्यालय की ईमेल आइडी पर नोटिस भेजा गया है। यदि सात दिन में जवाब नहीं आया तो यहां से टीम भेजेंगे। चारों अभियंताओं को भी नोटिस भेजकर सात दिन में जवाब मांगा गया है। घटना के दो दिन बाद गूगल ने मैप से यह रास्ता हटाया।

15 मीटर तक ब्रेक रगड़ने के निशान

पुलिस के अनुसार, गूगल मैप देखकर युवक कार दौड़ाए जा रहे थे। 700 मीटर के एप्रोच मार्ग और 685 मीटर पुल पर चलने के बाद चालक ने अचानक देखा कि आगे पुल हवा में लटका है। हड़बड़ाए चालक ने तुरंत ब्रेक लगाए, जिस कारण कार 15 मीटर घिसटी मगर, गति अधिक होने के कारण पूरी तरह रुक न सकी। सभी प्रयास के बावजूद कार पुल से 22 फीट नीचे गिरी और तीनों युवकों की मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, तीनों के सिर में चोट तो लगी, मगर मृत्यु का कारण शॉक था।