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साबरमती एक्सप्रेस डिरेल मामले में बड़ा खुलासा, पटरी का टुकड़ा फंसा ट्रेन को पलटाने की साजिश; IB को मिले सुबूत

वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस को पलटाने का षड्यंत्र रचा गया। पटरी का टुकड़ा इंजन के कैटल गार्ड में फंस गया इससे ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया और इंजन के साथ 20 डिब्बे पटरी से उतर गए। सीनियर सेक्शन इंजीनियर महेंद्र प्रताप सिंह सिसौदिया की तहरीर के मुताबिक लोको पायलट एपी बुंदेला को अप लाइन में कुछ भारी वस्तु दिखाई दी।

कानपुर। ट्रैक पर रेल पटरी का टुकड़ा फंसाकर वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस को पलटाने का षड्यंत्र रचा गया। पटरी का टुकड़ा इंजन के कैटल गार्ड में फंस गया। इससे ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया और इंजन के साथ ही 20 डिब्बे पटरी से उतर गए।

घटना कानपुर सेंट्रल स्टेशन से करीब 10 किलोमीटर आगे झांसी रूट पर पनकी में शुक्रवार रात 2:27 बजे हुई। कुछ यात्रियों को हल्की चोटें आई हैं। घटनास्थल के पास दोनों ट्रैक के बीच तीन फीट लंबा पटरी का टुकड़ा और एक क्लैंप मिला है। हादसे से एक घंटा 20 मिनट पहले पटना-इंदौर एक्सप्रेस इसी रूट से गुजरी थी

दर्ज कराया गया मुकदमा

आशंका है कि इसके बाद ही पटरी का टुकड़ा ट्रैक में क्लैंप के सहारे फंसाया गया। घटना के समय ट्रेन की रफ्तार 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच थी। शनिवार दोपहर एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) और आइबी की टीम ने घटनास्थल पर जांच की। रात में रेलवे की ओर से षड्यंत्र की आशंका जताते हुए पनकी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

सेंट्रल स्टेशन से साबरमती एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 19168) रात 1:59 बजे अहमदाबाद के लिए निकली थी। पनकी पहुंचते ही अचानक तेज आवाज हुई। ट्रेन का प्रेशर कम हुआ तो लोको पायलट एपी सिंह बुंदेला व सहायक लोको पायलट चेतराम मीना ने इमरजेंसी ब्रेक लगाया। इंजन और 20 डिब्बे बेपटरी हो गए।

ट्रेन के कोच लिंक हाफमैन बुश (एलएचबी) तकनीक से बने थे। इसलिए बड़ा हादसा होने से टल गया। अप लाइन की एक ओर की 300 मीटर पटरी उखड़ गई। ऊपर की बर्थ पर सो रहे कई यात्री नीचे गिर गए। ट्रैक पर पड़े पत्थर कोच के अंदर उछलकर पहुंचे जिससे कुछ यात्रियों को मामूली चोटें आईं। जितनी दूर ट्रेन चली, ट्रैक क्षतिग्रस्त होता चला गया।

घटना के आधा घंटे बाद डिप्टी सीटीएम आशुतोष सिंह और एसीएम एसके त्रिपाठी के साथ रेलवे मेडिकल टीम मौके पर पहुंच गई। एनडीआरएफ की टीमें भी पहुंचीं। डाउन लाइन पर फंसी तीन ट्रेनों को निकाला गया। इसके बाद मरम्मत शुरू हुई, दोनों लाइनों को बंद कर दिया गया।

झांसी रूट की 14 ट्रेने निरस्त

झांसी रूट पर जाने वाली 14 ट्रेनों को निरस्त किया गया और 20 से अधिक ट्रेनों के रूट बदले गए। ट्रेन और बसों से 1700 से ज्यादा यात्रियों को सेंट्रल स्टेशन लाया गया। उन्हें सुबह आठ बजे विशेष ट्रेन से रवाना किया गया।

उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि रूट को जल्द बहाल किया जाएगा। प्रयागराज मंडल के जीएम उमेश चंद्र जोशी ने बताया कि जांच के बाद हादसे का कारण स्पष्ट होगा।

सीनियर सेक्शन इंजीनियर महेंद्र प्रताप सिंह सिसौदिया की तहरीर के मुताबिक लोको पायलट एपी बुंदेला को अप लाइन में कुछ भारी वस्तु दिखाई दी। आपातकालीन ब्रेक लगाई, लेकिन वस्तु इंजन के कैटल गार्ड से टकरा गई। कैटल गार्ड मुड़ गया और ट्रेन बेपटरी हो गई।

अप और डाउन लाइन के बीच तीन फीट का एक पुरानी पटरी का टुकड़ा मिला है, जिसमें रगड़ के ताजे निशान मिले हैं। इससे लग रहा है कि टुकड़े के ट्रैक पर रखे होने और टकराने की वजह से घटना हुई। पटरी का यह टुकड़ा किसी अज्ञात व्यक्ति ने रखा।

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