कश्मीर के बेरोजगार युवाओं को आतंकी बना रही पाक की खुफिया एजेंसी, सोशल मीडिया पर जिहादी पाठ पढ़ा रहा ISI
पाकिस्तान की नजर कश्मीर के उन युवाओं पर हैं जो बेरोजगार हैं। एनआइए ने जम्मू में मौजूद एक विशेष अदालत को बताया कि आईएसआई कश्मीर के बेरोजगारों से सोशल मीडिया के जरिए संपर्क साधती है जहां आतंक के सरगना उन्हें जिहाद का पाठ पढ़ाते हैं। इसके बाद उन्हें आतंकी संगठनों में भर्ती के लिए तैयार करते हैं।
जम्मू। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ और पाकिस्तान में बैठे आतंकी हैंडलर अब कश्मीर में बेरोजगार युवाओं के साथ इंटरनेट मीडिया पर संपर्क साध कर, पहले उन्हें जिहादी पाठ पढ़ाती है। फिर उन्हें आतंकी संगठनों में भर्ती के लिए तैयार कर, आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने का जिम्मा सौंप रही है।
यह खुलासा एनआइए ने जम्मू स्थित विशेष अदालत एनआइए में पंजाब के दो नागरिकों की इसी वर्ष फरवरी में श्रीनगर में हुई टार्गेट किलिंग में लिप्त चार आतंकियों के खिलाफ दायर अपने आरोपपत्र में किया है। आरोपित आतंकियों में एक पाकिस्तानी है और वह फरार है।
इसी वर्ष सात फरवरी को श्रीनगर के शालाकदल में आतंकियों ने अमृतसर पंजाब के रहने वाले दो नागरिकों अमृत पाल सिंह और रोहित कुमार पर हमला किया था।
अमृतपाल सिंह की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि रोहित ने अगली सुबह दम तोड़ा था। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयब का हिट स्क्वाड कहे जाने वाले आतंकी संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट टीआरएफ ने ली थी।
आतंकियों के खिलाफ दायर किया आरोप-पत्र
एनआइए के प्रवक्ता ने बताया कि जिन चार आरोपित आतंकियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया है उनमें आदिल मंजूर लांगू, अहरान रसूल डार उर्फ टोटा, दाऊद और उनका पाकिस्तानी हैंडलर जहांगीर उर्फ पीर साहब शामिल है।
जहांगीर उर्फ पीर के अलावा अन्य तीन आरोपित आतंकी पकड़े जा चुके हैं जबकि जहांगीर उर्फ पीर के खिलाफ अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी कर रखा है।
प्रवक्ता ने बताया कि शालाकदल में पंजाब के दो नागरिकों की टार्गेट किलिंग की वारदात की जांच का जिम्मा पहले जम्मू कश्मीर पुलिस संभाल रही थी । गत जून में यह मामला एनआइए को सौंप दिया गया। आरोपित आतंकियों में शामिल आदिल मंजूर लांगू को जम्मू कश्मीर पुलिस ने वारदात के लगभग एक सप्ताह के भीतर ही गिरफ्तार कर लिया था।
पीओके में बैठे आतंकी सरगनाओं से संपर्क
एनआइए ने अपने आरोपपत्र में अदालत को बताया है कि आदलू मंजूर लांगू वर्ष 2023 में लश्कर ए तैयबा में शामिल हुआ था। वह इंटरनेट मीडिया के जरिए पाकिस्तान और गुलाम जम्मू कश्मीर में बैठे आतंकी सरगनाओं के साथ लगातार संपर्क में था।
उन्होंने उसे श्रीनगर में आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने और एक आतंकी माडयूल तैयार करने का जिम्मा सौंपा था। उसने पंजाब के दो नागरिकों की हत्या के अलावा भी घाटी के अन्य भागों में कई आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया है
आदिल मंजूर लांगू ने अहरान रसूल डार और दाऊद के साथ मिलकर एक मॉडयूल तैयार कर रखा था। यह तीनों पाकिस्तान में छिपे बैठे आतंकी सरगना जहांगीर उर्फ पीर साहब के साथ इंटरनेट मीडिया के जरिए संपक्र में रहते थे और उसने इन तीनों को श्रीनगर में जिहादी गतिविधियों को बढ़ाने और कश्मीर में रहने वाले अन्य राज्यों के नागरिकों के बीच डर पैदा करने के लिए उन्हें निशाना बनाने के लिए कहा था।
एनआइए के अनुसार, आदिल, अहरान और दाऊद ने जहांगीर उर्फ पीर साहब के निर्देशानुसार ही शालाकदल श्रीनगर में पंजाब के दो नागरिकों की हत्या की थी। हत्या के लिए इस्तेमाल जहांगीर ने अपने एक अन्य संपर्क सूत्र के जरिए आदिल व अहरानतक पहुंचाए थे।
आदिल ने ही पंजाब के नागरिकों पर हमला किया था। दाऊद नेवारदात के बाद सभी सुबूत मिटाने, आदिल और अहरान को सुरक्षित ठिकाना प्रदान किया था।
पढ़े लिखे बेरोजगारों को बरगलाने का किया जा रहा काम
एनआइए ने अपने आरोपपत्र में बताया कि गिरफ्तार आतंकियों से हुई पूछताछ और उनके इंटरनेट मीडिया पर एक्स, ट्वीटर और फेसबुक पर उनके विभिन्न हैंडलों के आकलन के आधार पर पाया गया है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ और आतंकी हैंडलर कश्मीर में आतंकी गतिविधियों केा अंजाम देने के लिए पढ़े लिखे बेरोजगार युवाओं को विशेष रूप से बरगला रहे हैं।
वह उनमें पहले जिहादी मानसिकता केा पैदा करते हैं। उसके बाद वह देखते है कि उनका शिकार अब आतंकी हिंसा को सही ठहराने लगा है तो पहले वह उसे किसी आतंकी के लिए ओवरग्राउंड वर्कर के रूप में चुनते हैं।
इसके बाद वह उसे आतंकी संगठन में सक्रिय होने के लिए तैयार करते हैं और जब वह तैयार हो जाता है तो उसे किसी टार्गेट किलिंग या फिर सुरक्षाबलों परग्रेनेड हमले का जिम्मा सौंपा जाता है।
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