
Premanand Ji Maharaj Kohli Anushka 18 साल के लंबे इंतजार के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने पंजाब किंग्स (PBKS) को हराकर आखिरकार अपना पहला आईपीएल खिताब जीत लिया। आईपीएल 2025 का फाइनल मैच रोमांचक रहा जिसमें पहले बैटिंग करते हुए आरसीबी की टीम ने 9 विकेट खोकर 190 रन बनाए। इसके जवाब में पंजाब की टीम 184 रन ही बना सकी।
18 साल के लंबे इंतजार के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने पंजाब किंग्स (PBKS) को हराकर आखिरकार अपना पहला आईपीएल खिताब जीत लिया। आईपीएल 2025 का फाइनल मैच रोमांचक रहा, जिसमें पहले बैटिंग करते हुए आरसीबी की टीम ने 9 विकेट खोकर 190 रन बनाए।
इसके जवाब में पंजाब की टीम 184 रन ही बना सकी। 6 रन से मिली हार के साथ पंजाब का चैंपियन बनने का सपना फिर अधूरा रहा। आरसीबी की टीम पहली ट्रॉफी जीतने का जश्न मनाती दिखी। इन सभी में विराट-अनुष्का के खूबसूरत पल इंटरनेट पर तेजी से वायरल हुए। जैसे ही आरसीबी की टीम ये खिताब जीती तो प्रेमानंद महाराज जी की पुरानी सलाह, जो उन्होंने विराट-अनुष्का को दी थी, वह वायरल होने लगी।
"अभ्यास में कमी नहीं होनी चाहिए"
दरअसल, इस साल जनवरी में विराट कोहली और अनुष्का शर्मा अपने बच्चों वामिका और अकाय के साथ वृंदावन में प्रेमानंद महाराज जी से मिले थे। इसके बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के दूसरे दिन ही कोहली अपनी पत्नी अनुष्का संग संत प्रेमानंद का आशीर्वाद लेने श्रीराधा केलिकुंज आश्रम पहुंचे।
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दोनों ने करीब 15 मिनट तक संत प्रेमानंद से आध्यात्मिक चर्चा की थी। महाराज जी ने उन्हें मन के अंदर से राधा-राधा का नाम जपने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि ऐसा करने से जीवन में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
उनके इन बातों को ध्यान में रखते हुए फैंस ये कह रहे हैं कि आरसीबी के आईपीएल 2025 फाइनल जीतने में प्रेमानंद महाराज जी का भी अहम रोल रहा, जिनकी सलाह विराट कोहली के काम आई।
आरसीबी की जीत के बाद प्रेमानंद महाराज जी की बातें वायरल हो रही है। इस साल जनवरी में उन्होंने विराट-अनुष्का को कहा था कि और अभ्यास में कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने ये भी बताया कि कैसे विराट और अनुष्का दोनों अपने-अपने क्षेत्र में अपने काम से देश में खुशी ला रहे हैं।
उन्होंने बताया था,
"सबसे बड़ी बात यह है कि हम अपने अभ्यास से लोगों को खुश कर रहे हैं, उन्हें खुशी दे रहे हैं। और वे (कोहली) अपने खेल के माध्यम से पूरे भारत को खुशी देते हैं। अगर वे जीतते हैं, तो पूरे भारत में आतिशबाजी की जाती है और पूरा देश जश्न मनाता है। क्या यह उनका अभ्यास भी नहीं है? अगर वे अपनी जीत भगवान को समर्पित करते हैं, तो पूरा भारत उनके साथ जुड़ा हुआ है। अगर वे जीत हासिल करते हैं, तो भारत का हर बच्चा खुश होता है। इसलिए उनकी 'साधना और भजन' अपने अभ्यास में रहना है, भले ही यह एक खेल है, लेकिन पूरे भारत को इससे खुशी मिलती है। अगर हमें किसी कारण से अपने अभ्यास की ताकत पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, तो हमारे अभ्यास में कोई कमी नहीं होनी चाहिए और हमें बीच-बीच में उनका (परमेश्वर का) नाम लेना याद रखना चाहिए। तो यह है उनका अभ्यास।"
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