
विपक्ष शासित राज्यों के साथ भेदभाव का आरोप मंद पड़ने लगा है। उमर अब्दुल्ला और केरल के Chief Minister विजयन ने केंद्र का विरोध करने की बजाय सहयोग का रास्ता चुना है। कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से लेकर केरल के मुख्यमंत्री विजयन तक केंद्र पर भेदभाव का आरोप लगाते रहे थे।
नई दिल्ली। मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष शासित राज्यों के साथ भेदभाव करने और संघीय ढांचे को कमजोर करने के आरोपों की धार कुंद होने लगी है। पहले जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और अब केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने केंद्र का विरोध छोड़कर सहयोग का रास्ता अख्तियार कर लिया है।
उमर अब्दुल्ला ने तो यहां तक कह दिया कि राज्य के विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह व सहकारिता मंत्री के सहयोग के प्रति अहसान फरामोश नहीं हो सकते। दरअसल 2024 के लोकसभा चुनाव और उसके पहले मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी गठबंधन संघीय ढांचे को कमजोर करने का मुद्दा प्रमुखता से उठाते रहे हैं।
ममता और केरल के मुख्यमंत्री विजयन लगा रहे थे भेदभाव का आरोप
कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से लेकर केरल के मुख्यमंत्री विजयन तक केंद्र पर भेदभाव का आरोप लगाते रहे थे। ममता बनर्जी और एमके स्टालिन अपने-अपने राज्यों में केंद्रीय योजनाओं के धन आवंटन में भेदभाव का आरोप लगा रहे हैं।
उमर अब्दुल्ला और विजयन दिख रहे अलग राह पर
वहीं केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय आवंटन के लिए नियमों व शर्तों के पालन पर जोर दे रही है। संसद के मौजूदा बजट सत्र में इन मुद्दों को लेकर हंगामा देखने को मिल रहा है। विपक्षी दलों के इन आरोपों के बीच उमर अब्दुल्ला और पी विजयन केंद्र के साथ सहयोग की अलग राह पर दिख रहे हैं।
उमर अब्दुल्ला ने केंद्र की मदद को लेकर जमकर की प्रशंसा
उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर का बजट पेश करते हुए राज्य के विकास के लिए केंद्र द्वारा दी रही मदद की जमकर प्रशंसा की। विपक्षी दल पीडीपी ने इसका विरोध किया और उमर अब्दुल्ला पर भाजपा के एजेंडे पर चलने का आरोप तक लगा दिया। लेकिन इन आरोपों को खारिज करते हुए उमर अब्दुल्ला ने साफ कर दिया कि केंद्र द्वारा दी रही मदद को नकार कर वे अहसान फरामोश नहीं बन सकते हैं।
विजयन का वित्त मंत्री के साथ सहयोगात्मक रवैया
इसी तरह विजयन ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर केंद्र के साथ सहयोग का रास्ता अपनाया है। विजयन और केरल के पूर्व राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर मतभेद जगजाहिर हैं। लेकिन केरल के नए राज्यपाल आर विश्वनाथ आर्लेकर विजयन और सीतारमण के बीच मुलाकात के दौरान न सिर्फ मौजूद थे, बल्कि राज्य सरकार को हर तरह से मदद का आश्वासन भी दिया।
निर्मला सीतारमण ने दिया जल्द बैठक का भरोसा
निर्मला सीतारमण ने विजयन को विभिन्न मुद्दों पर मतभेदों को निपटाने के लिए राज्य और केंद्र के अधिकारियों के साथ जल्द ही बैठक का भरोसा दिया। विपक्षी गठबंधन के दो अहम दलों सीपीएम और नेशनल कांफ्रेंस का बदला रुख विपक्षी खेमों के बाकी दलों को असहज करेगा। वैसे यह संदेश भी अहम है कि केंद्र के साथ सहयोग राज्यों के साथ-साथ देश के विकास के लिए भी अहम है।
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