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झारखंड में भाजपा विधायक दल का नेता तय नहीं होने से विधानसभा में विपक्षी दलों के विधायकों में समन्वय की कमी दिख रही है। पार्टी के विधायक इस मसले पर खुलकर बोलने से बच रहे हैं लेकिन उनका कहना है कि शीर्ष नेतृत्व किसी को भी नेता घोषित कर दे वह उन्हें मान्य होगा। नेता की अनुपस्थिति में समेकित निर्णय नहीं हो पा रहा है।

रांची। झारखंड में भाजपा विधायक दल का नेता तय नहीं होने से चालू बजट सत्र में भी विपक्षी दल के विधायकों में समन्वय की भारी कमी दिख रही है। सांगठनिक अनुशासन से बंधे पार्टी के विधायक इस मसले पर खुलकर बोलने से परहेज करते हैं, लेकिन ऑफ द रिकॉर्ड कह रहे हैं कि शीर्ष नेतृत्व किसी को भी नेता घोषित कर दे। यह हमलोगों को हर हाल में मान्य होगा।

सदन में नेता की अनुपस्थिति में समेकित निर्णय नहीं हो पा रहा है। विधायकों के समक्ष मुश्किल यह है कि कोई विधायक किसी मुद्दे पर बात आगे बढ़ाता है तो उसपर क्या रुख अपनाया जाए, यह तय नहीं हो पाता। नेता रहने की स्थिति में ऐसा संकट नहीं आता। भाजपा के इस ढीले-ढाले रवैये को देखते हुए एनडीए के घटक दल भी छिटक रहे हैं।

जमशेदपुर से जदयू के विधायक सरयू राय ने तो स्पष्ट कह दिया है कि एनडीए जैसा राज्य में कुछ नहीं है। आपस में किसी मुद्दे पर समन्वय के लिए कभी कोई बैठक नहीं हुई है। सिर्फ विधानसभा में एक जगह सीट आवंटित होने से गठबंधन नहीं हो जाता

हालांकि, उन्होंने भाजपा विधायक दल के नेता के चयन को पार्टी का अंदरुनी मामला बताया, लेकिन इससे स्पष्ट है कि हार के बाद कमजोर और पस्त पड़ी भाजपा के समक्ष नेता चयन करने में ज्यादा देरी से नई चुनौतियां पैदा होंगी।

सत्तारूढ़ गठबंधन को निशाना साधने का मिला मौका

भाजपा विधायक दल का नेता चयन नहीं होने से सत्तारूढ़ गठबंधन को निशाना साधने का मौका मिल गया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने तो यहां तक कह डाला है कि नेता चयन नहीं कर पा रही भाजपा के सारे विधायक सामूहिक इस्तीफा सौंप दें तो बेहतर होगा।

उधर, कांग्रेस कोटे से राज्य सरकार में मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने तंज कसते हुए कहा है कि विपक्ष एकदम पस्त है। ऐसा लगता है कि सभी मौन व्रत में चले गए हैं।

नेता चुनने को भूपेंद्र यादव बनाए गए पर्यवेक्षक

विधानसभा चुनाव परिणाम के तीन माह बीतने के बाद अब उम्मीद बंध रही है कि भारतीय जनता पार्टी विधायक दल को जल्द ही नया नेता मिलने वाला है। पार्टी के संसदीय बोर्ड ने विधायक दल का नेता चुुनने के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी है।

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद डॉ. के. लक्ष्मण को पर्यवेक्षक बनाया गया है।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने बुधवार को पत्र जारी कर इसकी सूचना दी है। दोनों पर्यवेक्षक प्रदेश नेतृत्व के साथ विमर्श कर तारीख की घोषणा करेंगे। माना जा रहा है कि आठ या नौ मार्च को विधायक दल के नेता का चुनाव हो सकता है।

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