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Saint Premanand Ji Maharaj संत प्रेमानंद ने रात्रिकालीन पदयात्रा फिर से शुरू करने का फैसला किया है। एनआरआई ग्रीन कॉलोनी के निवासियों ने ध्वनि प्रदूषण की शिकायत के बाद पदयात्रा स्थगित कर दी थी। अब निवासियों ने माफी मांगी है और संत प्रेमानंद ने कहा है कि उनका किसी से विरोध नहीं है। वे चाहते हैं कि सभी लोग खुश रहें।
वृंदावन। एनआरआइ ग्रीन कालोनी के निवासियों द्वारा रात्रिकालीन पदयात्रा में ध्वनि प्रदूषण पर नाराजगी जताए जाने पर संत प्रेमानंद द्वारा पदयात्रा अनिश्चतकाल के लिए स्थगित कर दी गई थी। इतना ही नहीं श्रीराधा केलिकुंज जाने का रास्ता भी बदल दिया।
इस पर एनआरआइ ग्रीन के निवासियों को क्षोभ हुआ और संत की पदयात्रा दोबारा निकले, इसके प्रयास शुरू कर दिए। एनआरआइ ग्रीन सोसाइटी के अध्यक्ष ने रविवार को संत प्रेमानंद से मुलाकात की और कहा वे ब्रजवासियों की धरोहर हैं, किसी यू-ट्यूबर के बहकावे में आकर कुछ लोगों ने ऐसा किया था। सभी चाहते हैं आप इसी रास्ते से रात्रिकालीन पदयात्रा निकालें।
अब एनआरआइ ग्रीन के निवासी उनका जोशीला स्वागत करेंगे। संत प्रेमानंद ने कहा हमारा किसी से विरोध नहीं है। हमारी पदयात्रा से किसी को दुख पहुंचा था। इस बात की जानकारी होने पर हमने निर्णय लिया और रास्ता बदला था। हमारे अंदर किसी के प्रति कोई नाराजगी नहीं है। ब्रजवासी तो हमारे आराध्य देव हैं।
रमणरेती स्थित श्रीराधा केलिकुंज में रविवार को संत प्रेमानंद से मुलाकात करने पहुंचे एनआरआइ ग्रीन सोसाइटी के अध्यक्ष आशू शर्मा ने कहा ब्रजवासी आपका पूरा सम्मान करते हैं। हर ब्रजवासी आपके दर्शन को उत्सुक रहता है। कुछ यू-ट्यूबरों ने प्रसिद्धि पाने के लिए कालोनी में रह रहे ब्रजवासियों को बहकावे में लेकर इस तरह का काम करवा दिया। लेकिन, उन लोगों के मन में आपके प्रति कोई दुराभाव नहीं है।
यू-ट्यूबर ने उन्हें खुद ही कहकर बुलवाया। आप जानते हैं ब्रजवासी भोलेभाले होते हैं। जब उन लोगों को पता चला कि उनके विरोध के कारण संत प्रेमानंद ने पदयात्रा स्थगित करने के साथ रास्ता बदल दिया है, तो बहुत दुखी हैं। जिस दिन आतिशबाजी हुई, तो उसकी गलती थी कि कालोनी के चबूतरे पर पटाखे चलाए, जिसकी आवाज अंदर पहुंची थी।
संत प्रेमानंद ने कहा ब्रजवासी हमारे आराध्य देव हैं। उन लोगों से कहिए, हम आपका कभी अहित नहीं कर सकते। हम सबका सुख चाहते हैं। किसी के प्रति हम गलत शब्द तक नहीं बोल सकते। उन्हें लेकर आइए, हम उनका स्वागत करते हैं। आप आनंदित रहो और जिन लोगों ने बोला है, उनको प्रणाम करते हैं। यात्रा दोबारा निकलेगी, इस बात में कोई संदेह नहीं। अगर, आपको किसी तरह की दिक्कत थी, तो आप यहां आकर कहते तो हम उसकी व्यवस्था जरूर कर देते। हम सभी को सुखी देखना चाहते हैं।
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