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बॉलीवुड की दिग्गज एक्ट्रेस जीनत अमान (Zeenat Aman) और परवीन बाबी (Parveen Babi) की शक्ल को लेकर लोगों के बीच अक्सर भ्रम बना रहता था। इस पर खुद जीनत अमान ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक दिलचस्प किस्सा साझा किया जब विदेश में एक फैन ने उन्हें परवीन बाबी समझ लिया था। आइए जानें उस वक्त एक्ट्रेस ने कैसी प्रतिक्रिया दी।

हिंदी सिनेमा के दर्शकों को कुछ सेलेब्स के चेहरे मिलते-जुलते लगते हैं। जीनत अमान का नाम भी उन अभिनेत्रियों की लिस्ट में शामिल है, जिन्हें लेकर फैंस थोड़े कंफ्यूज रहते हैं। जी हां, कुछ लोगों को दिवंगत एक्ट्रेस परवीन बाबी की तरह उनका चेहरा लगता है। अब इससे जुड़ा एक किस्सा एक्ट्रेस ने खुद सुनाया है

रेड्डिट के आस्क मी एनिथींग सेशन में जीनत अमान से एक फैन ने बताया कि वह बचपन में परवीन बाबी और उनके बीच पहचान नहीं कर पाते था। कई बार, तो वह उन्हें परवीन बाबी समझ लेता था। इससे जुड़ा उन्होंने सवाल किया कि क्या आपके साथ पब्लिक के बीच कभी ऐसा कुछ हुआ है।

जीनत और परवीन के बीच पहचान नहीं कर पाते थे प्रशंसक

जीनत अमान ने फैन के सवाल का जवाब देते हुए इस बात को स्वीकार किया कि उनके साथ ऐसा कई बार हो चुका है। जब फैन ने उन्हें परवीन बाबी समझ लिया था। एक्ट्रेस ने खुलासा करते हुए बताया कि एक बार विदेश में महिला फैन उन्हें नहीं पहचान पाई थी और उन्हें लगा कि उनके सामने परवीन बाबी खड़ी हैं।

जीनत ने दी थी एक फैन को परवीन की मौत की खबर

मशहूर अभिनेत्री जीनत अमान ने प्रशंसक के सवाल की प्रतिक्रिया देते हुए एक किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा, यह एक आम गलती थी। परवीन भी बहुत ज्यादा खूबसूरत थीं और इस वजह से मुझे भी इस तुलना से कोई फर्क नहीं पड़ा। दुबई में एक बार ऐसा हुआ था कि एक महिला मेरे ऊपर फिदा हो गई। उन्हें लगा कि मैं ही परवीन बाबी हूं, लेकिन यह घटना उनके निधन के बाद की थी। ऐसे में मुझे ही उनकी फैन को बताना पड़ा कि परवीन बाबी अब इस दुनिया को अलविदा कह चुकी हैं। 

एक अन्य ने जीनत से सवाल किया कि उन्होंने 70 के दशक में लोगों की मानसिकता का सामना कैसे किया था। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि मुझे लगता है कि 70 का दशक काफी दिलचस्प था। उस समय पर महिलाएं कार्यस्थल से लेकर अपने घर पर आवाज बुलंद कर रही थीं। मैं खुद को कभी भी कठोर नहीं मानती थी, लेकिन आसानी से हार मानने वाली भी नहीं समझती थी।

एक्ट्रेस ने अपनी बात पूरी करते हुए आगे कहा, मीडिया या समाज उस समय को चाहे किसी भी तरह से दिखाने की कोशिश करें, लेकिन इस बात में सच्चाई है कि महिलाओं को उस दौर में सार्वजनिक तौर पर मुश्किल समय का सामना करना पड़ा था।

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