बहराइच में प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा के मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक और बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने एएसपी ग्रामीण पवित्र मोहन त्रिपाठी को पद से हटा दिया है। उनकी जगह डीजीपी मुख्यालय में तैनात एएसपी दुर्गा प्रसाद तिवारी को बहराइच भेजा गया है। इससे पहले सीओ महसी को भी हटाया जा चुका है।
बहराइच। बहराइच में प्रतिमा विर्सजन के दौरान हुई हिंसा के मामले में एक्शन का दौर जारी है, सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक और कार्रवाई करते हुए एएसपी ग्रामीण पवित्र मोहन त्रिपाठी को पद से हटा दिया है। उनकी जगह डीजीपी मुख्यालय में तैनात एएसपी दुर्गा प्रसाद तिवारी को बहराइच भेजा गया है। इससे पहले सीओ महसी को भी हटाया गया था। बताते चलें कि हिंसा के आरोपियों को पकड़ने के लिए यूपी एसटीएफ को भी जिम्मेदारी दी गई है।
सुरक्षा घेरा मजबूत, चौराहों लगाई गई बैरिकेडिंग
महराजगंज में प्रतिमा विसर्जन यात्रा के दौरान हुए बवाल के बाद स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन अब कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता। यहां पूरी सतर्कता बरती जा रही है। चौक-चौराहों पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती के साथ कई स्थानों पर बैरिकेडिंग की गई है। पिकेट पर संदिग्ध वाहनों व व्यक्तियों को रोककर जांच की जा रही है। रमपुरवा चौराहा, भागवानपुर, राजी चौराहा, महसी कस्बा समेत अन्य स्थानों पर बैरिकेडिंग लगाई गई है। उसके आसपास पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।
जिले की सीमा पर स्थित चहलारीघाट स्थित पुल के निकट भी बैरिकेडिंग के साथ सुरक्षा के इंतजाम किए गए गई। पुलिस क्षेत्राधिकारी रवि खोखर ने बताया कि कानून व्यवस्था को मजबूत करने के मद्देनजर चौक चौराहों पर बैरिकेडिंग लगाया गया है। इससे संदिग्ध वाहनों व व्यक्तियों की जांच की सघन जांच आसानी से हो सकेगी। कहा कि सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं। कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वाले अराजक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस पर एकपक्षीय कार्रवाई करने का आरोप
राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल ने महराजगंज हिंसा में एकपक्षीय कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से राज्यपाल को संबोधित पत्र भेजकर सीबीसीआईडी से जांच की मांग की गई है। जिलाध्यक्ष मौलाना सरवर खां कासमी की अगुवाई में राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल के पदाधिकारी सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे।
सभी ने कहा कि जिले के महराजगंज बाजार में बीते रविवार को विसर्जन जुलूस के दौरान भड़काऊ बयान के साथ डीजे पर गाना बजाया जा रहा था। इसके बाद मकान से धार्मिक झंडा मकान से उतारा गया, जिसके विरोध में हिंसा हुई। दुकान और मकानों में आग लगाई गई, जिसमें पुलिस ने दोनों पक्ष पर केस दर्ज किया, लेकिन कार्रवाई सिर्फ एक पक्षीय की जा रही है। जिलाध्यक्ष ने कहा कि पुलिस पर विश्वास नहीं है।
हाईकोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर लगाई रोक
महाराजगंज बाजार में हुई हिंसा के बाद पीडब्ल्यूडी की ओर से मुख्य आरोपी समेत 23 लोगों के घरों को नोटिस जारी किया गया है। इस मामले में दिल्ली की एक संस्था ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में मुख्य अभियुक्त की बेटी की ओर से वाद दायर किया है। रविवार शाम को सुनवाई करते हुए लखनऊ हाईकोर्ट ने सरकार से तीन दिन में पक्ष रखने का निर्देश दिया है। वहीं बुलडोजर की कार्रवाई पर 15 दिन के लिए रोक लगा दी है।
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