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जम्मू कश्मीर कैबिनेट न्यूज़ जम्मू-कश्मीर की कैबिनेट ने राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया है। इस प्रस्ताव को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंजूरी दे दी है। कैबिनेट ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार के साथ मामला उठाने के लिए अधिकृत किया है।

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली कैबिनेट द्वारा पारित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस प्रस्ताव में केंद्र से जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने का आग्रह किया गया था।

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि गुरुवार को उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य के मूल स्वरूप को बहाल करने के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया।

उपराज्यपाल ने दी प्रस्ताव को मंजूरी

अधिकारियों ने आगे कोई विवरण दिए बिना कहा कि उपराज्यपाल ने कैबिनेट द्वारा पारित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। प्रवक्ता ने कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करना एक उपचार प्रक्रिया की शुरुआत होगी। संवैधानिक अधिकारों को पुनः प्राप्त करना और जम्मू-कश्मीर के लोगों की पहचान की रक्षा करना है

उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने मुख्यमंत्री को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार के साथ मामला उठाने के लिए अधिकृत किया है।

पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करेंगे उमर

प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की विशिष्ट पहचान और लोगों के संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा नवनिर्वाचित सरकार की नीति का आधार बनी हुई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इस संबंध में प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों से मिलने के लिए आने वाले दिनों में नई दिल्ली जाएंगे।

प्रवक्ता ने कहा कि कैबिनेट ने 4 नवंबर को श्रीनगर में विधानसभा बुलाने का भी फैसला किया है और एलजी को विधानसभा बुलाने और उसे संबोधित करने की सलाह दी है।

उन्होंने कहा कि पहले सत्र की शुरुआत में एलजी द्वारा विधानसभा को संबोधित करने का मसौदा भी मंत्रिपरिषद के समक्ष रखा गया था, जिस पर परिषद ने आगे विचार करने और चर्चा करने का फैसला किया है।

विपक्षियों ने साधा निशाना

राजनीतिक दलों ने शुक्रवार को केवल राज्य के दर्जे पर प्रस्ताव को और अनुच्छेद 370 पर नहीं, इसे पूरी तरह से आत्मसमर्पण और सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस के रुख से अलग बताया।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) और अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) समेत विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस कदम की निंदा की और एनसी को उसके चुनावी वादे 5 अगस्त, 2019 से पहले की स्थिति में (अनुच्छेद) 370-35ए और राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रयास की याद दिलाई और कहा कि यह चुनाव पूर्व रुख से अलग है।