देश में कोई महिला अपने को कैसे सुरक्षित महसूस कर सकती है जब देश के टॉप मेडिकल इंस्टीट्यूट कहे जाने वाले एम्स की एक महिला गार्ड अपने ही बॉस यानी चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर पर यौन शोषण का प्रयास और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाने लगे। दिल्ली एम्स से एक ऐसी ही घटना सामने आई है जहां एक महिला गार्ड ने अपने सीएसओ पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
नई दिल्ली। कोलकाता के आरजीकर अस्पताल में डॉक्टर के साथ हुई घटना का मामला अभी पूरी तरह से शांत भी नहीं हुआ था कि देश के टॉप मेडिकल संस्थान AIIMS से एक हैरान करने वाली घटना सामने आ गई है।
यहां एक दशक से भी लंबे समय से कार्यरत एक महिला गार्ड ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी यानी सीएसओ पर बड़ा आरोप लगाया है।
एम्स के मुख्य सुरक्षा अधिकारी (सीएसओ) पर अस्पताल में 14 वर्ष से कार्यरत एक महिला सुरक्षा गार्ड ने उत्पीड़न व जाति सूचक शब्द बोलने का आरोप लगाया है।
इस बाबत महिला गार्ड ने तीन अक्टूबर को एम्स प्रशासन व राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को लिखित शिकायत दी है। इसके बाद एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने जांच के निर्देश दिए हैं।
सात दिन में सौंपनी है रिपोर्ट
संस्थान के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व ओबीसी की शिकायतों के निवारण के लिए गठित कमेटी के चेयरमैन डॉ. केके वर्मा व यौन उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों के निवारण की कमेटी की चेयरपर्सन डॉ. पुनीत कौर को आरोपों की सत्यता जांच कर सात दिन में प्राथमिक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।
महिला गार्ड ने अपने शिकायत पत्र में कहा है कि उनके पति का देहांत हो चुका है। एक अक्टूबर को उनकी ड्यूटी बदलकर रात की ड्यूटी लगा दी गई।
इस संदर्भ में सिक्योरिटी कंपनी के प्रबंधक से बात करने की कोशिश की। जब उनसे बात नहीं हो पाई तो दो अक्टूबर को सीएसओ कार्यालय गईं।
एक घंटे के इंतजार के बाद कमरे में गई और...
एक घंटा इंतजार के बाद सीएसओ ने कार्यालय कक्ष में बुलाया। वहां सिक्योरिटी कंपनी का प्रबंधक पहले से मौजूद था। उन्होंने अपनी समस्या बताई कि उनकी दो जवान बेटियां हैं। उन्हें घर में अकेला छोड़कर वह रात में ड्यूटी नहीं कर सकतीं।
इसके बाद सीएसओ ने गलत इरादे से हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींचा और शारीरिक उत्पीड़न का प्रयास किया।
पीड़िता ने जब हाथ छुड़ाकर बाहर निकलने का प्रयास किया तो सीएसओ ने अभद्र भाषा व जाति सूचक शब्द बोले और नौकरी से निकालने की धमकी दी।
पीड़िता ने सीसीटीवी फुटेज भी मांगे
महिला गार्ड ने साक्ष्य के तौर पर घटना वाले दिन का सीसीटीवी फुटेज जब्त करने की मांग की है। सीएसओ कर्नल रैंक के अधिकारी हैं, जो अभी प्रतिनियुक्ति पर एम्स में नियुक्त हैं। उनसे उनका पक्ष जानने की कोशिश की, उन्हें वाट्सएप पर मैसेज भी भेजा गया लेकिन उनका पक्ष नहीं मिला।
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