महाकुंभ 2025 में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कुंभ और महाकुंभ के दौरान विभिन्न अखाड़ों के शाही स्नान और पेशवाई जैसे उर्दू-फारसीनिष्ठ शब्दों के स्थान पर हिंदी-संस्कृतनिष्ठ शब्दों के प्रयोग का प्रस्ताव पारित किया है। इसी के साथ गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने मंदिरों में सरकारी हस्तक्षेप हटाने देश भर में समान नागरिक संहिता लागू करने सहित अन्य प्रस्ताव भी पारित किए गए हैं।
प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शाही स्नान और पेशवाई शब्द हटाने की सहमति दी है। उन्होंने कहा कि अखाड़े जो प्रस्ताव देंगे, सरकार उस पर सार्थक कदम उठाएगी।
बता दें कि नाम बदलने के अभियान को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवीन्द्र पुरी पहले ही समर्थन दे चुके हैं। उन्होंने परिषद की बैठक में यह प्रस्ताव लाने का वचन दिया था। संत समाज के साथ, महापौर, सांसद, विधायक, सनातन धर्म के मर्मज्ञों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर उचित कार्रवाई की मांग की थी।
परिषद की बैठक के दूसरे दिन शनिवार को अध्यक्ष श्रीमहंत रवीन्द्र पुरी ने कहा कि भारत धर्म निरपेक्ष देश है, जहां संविधान सर्वोपरि है। संविधान ने समस्त नागरिकों को बराबर अधिकार दिया है। इसके बावजूद जाति-धर्म के नाम पर विशेष वर्ग के लोगों को अतिरिक्त सुविधा दी जा रही है।
ऐसे में देशभर में समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए। अखाड़ों के संत प्रवचन, वैचारिक गोष्ठी, संवाद के जरिए माहौल बनाएंगे। उन्होंने लव जिहाद व हिंदुओं के मतांतरण को गंभीर समस्या बताते हुए सख्त कानून बनाने की मांग की।
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